कैशलेस रिजेक्ट होने पर रिम्बर्समेंट के जरिए क्लेम सेटलमेंट हो सकता है?

Claim Settlement: मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताना जरूरी है, चाहे कितने भी सालों पहले मेडिकल प्रोसीजर क्यों न हुआ हो.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 24, 2021, 12:50 IST
Aarogya Sanjeevani Policy:

इस पॉलिसी के तहत वयस्कों के लिए एंट्री की ऐज लिमिट 18 साल से 65 साल है. बच्चों के लिए जब आप फैमिली फ्लोटर प्लान खरीदते हैं, तो यह तीन महीने से लेकर 25 साल तक का होता है.

इस पॉलिसी के तहत वयस्कों के लिए एंट्री की ऐज लिमिट 18 साल से 65 साल है. बच्चों के लिए जब आप फैमिली फ्लोटर प्लान खरीदते हैं, तो यह तीन महीने से लेकर 25 साल तक का होता है.

Claim Settlement: यदि कोई व्यक्ति पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित है तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां आसानी से नहीं मिलती हैं. यदि किसी वजह से पॉलिसी होल्डर इसके बारे में खुलासा नहीं करता है और पॉलिसी खरीद लेता है, तो उसे क्लेम फाइल करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. मनी9 हेल्पलाइन पर इस विषय पर हमसे एक सवाल पूछा गया. हमने इस सवाल के जवाब के लिए प्रोबस इंश्योरेंस के डायरेक्टर राकेश गोयल से संपर्क किया.

सवाल (वासु कुमार) : मैंने 1.5 साल पहले अपने माता-पिता के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी. पॉलिसी खरीदते समय हमने ये मेंशन नहीं किया कि मेरी मां ने 15 साल पहले यूट्रस को रिमूव करवा दिया था.

उन्हें हाल ही में Ascites के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इंश्योरेंस कंपनी पहले ही कैशलेस क्लेम को यह कहते हुए रिजेक्ट कर चुकी है कि यह बीमारी इतने कम समय में डेवलप नहीं हो सकती.

इसमें कहा गया है कि पॉलिसी होल्डर रिम्बर्समेंट फाइल कर सकता है लेकिन यह अप्रूवल के अधीन होगा. मुझे क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट व्यू

पॉलिसी खरीदते समय कई पॉलिसी होल्डर जो सबसे आम गलती करते हैं, वो है नॉन-डिस्क्लोजर या पहले से मौजूद बीमारी या मेडिकल कंडीशन के बारे में गलत जानकारी देना. प्रपोजल फॉर्म में आवश्यक जानकारी न देने से दो बातें हो सकती है.

आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है या यदि पॉलिसी स्वीकार हो जाती है (केवल स्पेसिफिक मामलों के तहत) तो प्रीमियम ज्यादा होगा.

क्लेम प्रोसेस के दौरान परेशानियों से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी खरीदते समय किसी भी मेडिकल कंडीशन या हिस्ट्री की कंपलीट डिटेल देनी चाहिए.

यदि आपने अपनी और अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री को प्रपोजल फॉर्म भरते हुए मेंशन किया है तो फिर आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

इस केस में, इंडिविजुअल और फैमिली यूट्रस को रिमूव किए जाने के बारे में जानते थे और फिर भी प्लान खरीदते समय इंश्योरेंस कंपनी को यह इनफार्मेशन प्रोवाइड नहीं कर पाए.

क्‍योंकि इंश्योरेंस कंपनी ने मेंशन किया है कि इतने कम समय में Ascites की बीमारी विकसित नहीं हो सकती है. यहां, इस बात की ज्यादा उम्मीद है कि मेडिकल टीम अप्रूवल स्टेज में क्लेम को रिजेक्ट कर देगी और बीमित व्यक्ति को किसी भी रिम्बर्समेंट के लिए आवेदन करने से भी मना कर दिया जाएगा.

यहां इंश्योरेंस होल्डर को मेडिकल हिस्ट्री मेंशन करना चाहिए, चाहे सालों पहले कोई मेडिकल प्रोसीजर क्यों न हुआ हो. ये एक नॉन-डिस्क्लोजर सिचुएशन दिखाई देती है.

इसलिए यहां क्लेम का कोई सेटलमेंट होने की उम्मीद नहीं है. ऐसी स्थिति पॉलिसी होल्डर और परिवार को भारी तनाव में डाल सकती है और इसलिए इससे बचना चाहिए.

Published - August 24, 2021, 12:19 IST