इन कारणों से रिजेक्‍ट हो सकता है कार इंश्योरेंस क्लेम

Car Insurance Claim: समय सीमा के तहत कंपनी को एक्सीडेंट की जानकारी या कागज मुहैया नहीं कराते हैं, तो कंपनी आपका क्लेम सैटल नहीं करेगी.

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Photo by Jonas Denil on Unsplash: कार चलाने वालों को थर्ड पार्टी प्रीमियम की जगह ओन डैमेज प्रीमियम के लिए बड़ी रकम देनी होगी.

Photo by Jonas Denil on Unsplash: कार चलाने वालों को थर्ड पार्टी प्रीमियम की जगह ओन डैमेज प्रीमियम के लिए बड़ी रकम देनी होगी.

Car Insurance Claim: हमारे देश में पब्लिक प्लेस में कार चलाने के लिए आपका कार इंश्योरेंस (car insurance) होना जरूरी है. इसके बिना कार चलाने पर ट्रैफिक पुलिस को आपका चालान काटने का अधिकार है. कार इंश्योरेंस (car insurance) लेते वक्त आप उम्मीद करते हैं कि पॉलिसी पीरियड के दौरान दुर्घटना होने पर आपकी कार क्लेम का सैटलमेंट हो जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कार क्लेम का रिजेक्ट होना बेहद आम है. दरअसल प्रीमियम देते और पॉलिसी खरीदते समय लोग इंश्योरेंस (insurance) पॉलिसी के बारे में गंभीरता से नहीं सोचते हैं लेकिन ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है. कार इंश्योरेंस  (car insurance) क्लेम रिजेक्शन के पीछे कई कारण हो सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि कार इंश्योरेंस (car insurance) क्लेम के रिजेक्ट होने के पीछ के 9 प्रमुख कारण कौन से हैं .

बिना लाइसेंस कार चलाना

बिना लाइसेंस कार चलाने या अवैध लाइसेंस पर कार चलाने के कारण क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. ये क्लेम रिजेक्ट होने का प्रमुख कारण है. ऐसा करना भारत में गैरकानूनी है. ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम सैटल नहीं करती हैं.

शराब पीकर कार चलाने पर

नशे में कार चलाना भारत में जुर्म है. अगर ड्राइवर नशे में कार चलाते हुए दुर्घटना का शिकार होता है तो कार इंश्योरेंस क्लेम कंपनी सैटल नहीं करती है.

प्राइवेट कार का कमर्शियल यूज

आप रोजाना पर्सनल या प्राइवेट कार का यूज कमर्शियल रूप से कर रहे हैं, तो दुर्घटना की स्थिति में कार का इंश्योरेंस क्लेम कंपनियां सैटल नहीं करती हैं. कमर्शियल वाहन अलग कवरेज और कानून के तहत आते हैं.

बिना रिपोर्ट रिपेयर कराने पर

अगर आप अपने खर्चे पर कार को ठीक कराकर इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम सैटलमेंट के लिए भेजते हैं तो ऐसे केस में क्लेम सैटल नहीं होता है. एक्सीडेंट के बाद आपको इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी देनी होती है.

समय पर प्रीमियम नहीं देने पर

पॉलिसी होल्डर समय पर प्रीमियम नहीं देता है या भूल जाता है तो, कंपनी इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर देती है. इसलिए इंश्योरेंस का प्रीमियम समय पर भरें जिससे क्लेम रिजेक्ट न हो.

जानकारी न छिपाएं

काफी लोग इंश्योरेंस पॉलिसी करते समय अपने वाहन की कई जानकारियों को छिपा देते हैं. इससे एक्सीडेंट के बाद होने वाले क्लेम सैटलमेंट में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा करने से नुकसान की भरपाई कंपनी नहीं करेगी.

रिपोर्टिंग में देरी

हर इंश्योरेंस कंपनी एक्सीडेंट होने के बाद कंपनी को जानकारी देने के लिए एक समय सीमा तय करती हैं. अगर आप इस समय सीमा के तहत कंपनी को एक्सीडेंट की जानकारी नहीं देते हैं या कागज मुहैया नहीं कराते हैं, तो कंपनी आपका क्लेम सैटल नहीं करेगी.

कार का मॉडिफिकेशन

आप पॉलिसी पीरियड के दौरान कार में नई एसेसरीज लगाते हैं या कुछ मॉडिफिकेशन (बदलाव) कराते हैं तो, आपको ऐसा कराने के लिए कंपनी को जानकारी देनी चाहिए. अगर आप इन बदलावों की जानकारी कंपनी को नहीं देंगे तो वो आपका क्लेम रिजेक्ट कर सकती है.

पॉलिसी होल्डर की लापरवाही

कई बार इंश्योरेंस (insurance) कंपनियां पॉलिसीधारक की लापरवाही के कारण भी क्लेम रिजेक्ट कर सकती हैं. जैसे नो पार्किंग एरिया में कार पार्क करने के दौरान कोई घटना होती है तो कंपनी आपके क्लेम को सैटल नहीं करेगी. इसलिए कार पार्क करते समय हमेशा सावधानी बरतें. वरना इसका भुगतान आपको करना होगा.

Published - August 17, 2021, 05:57 IST