हम में से ज्यादातर लोग लाइफ इंश्योरेंस, अपने या परिवार के सदस्यों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर खरीदते हैं. आज बाजार में कई तरह के लाइफ इंश्योरेंस प्लान मौजूद हैं. आमतौर पर टर्म इंश्योरेंस प्लान्स ज्यादातर लोगों को अन्य की तुलना में किफायती लगता है. लेकिन, यह कॉम्प्रिहैंसिव इंश्योरेंस पॉलिसियों का विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि यह पॉलिसी होल्डर को व्यापक कवरेज प्रदान करती है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स सही फायदे के लिए टर्म इंश्योरेंस को बढ़ाते हुए राइडर्स/एड-ऑन का विकल्प चुनने का सुझाव देते हैं. लेकिन क्या राइडर्स, एक कॉम्प्रिहैंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी की जगह ले सकते हैं? राइडर्स पूरी तरह से पॉलिसी होल्डर के लिए सुरक्षा कवरेज के लेवल को बढ़ाने के लिए होते हैं. राइडर्स को एक ही पॉलिसी के अंतर्गत अलग-अलग तरह का लाभ उठाने के साधन के तौर पर देखा जा सकता है.
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रमुख एक्चुअरी पेउली दास ने कहा, “राइडर्स, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस दोनों में ही उपलब्ध ‘ऐड-ऑन’ बेनिफिट्स हैं जिन्हें बेस पॉलिसी से जोड़ा जा सकता है. एक ट्रेडिशनल इनकम प्लान या एक यूनिट-लिंक्ड पॉलिसी आमतौर पर निवेश रिटर्न के लिए डिज़ाइन की गई है, लेकिन सुरक्षा जरूरतों के संदर्भ में यह उतनी कारगर नहीं है. राइडर्स ग्राहकों की जरूरतों के आधार पर, मामूली लागत पर पूरक कवर प्रदान करते हैं.”
इसके अलावा, राइडर्स ग्राहक को बीमा राशि, एंट्री पॉइंट और राइडर्स की पॉलिसी शर्तों को विवेकपूर्ण तरीके से चुनकर, सुरक्षा को कम करने में एक हद तक लचीलापन देता है. इतना ही नहीं, राइडर बेनिफिट्स पर प्रीमियम लिमिट्स को नियंत्रित करने वाले नियम हैं. यह सुनिश्चित करता है कि राइडर्स किफायती बने रहें और ग्राहकों को पैसे का अच्छा मूल्य मिल सके.
टर्म प्लान के साथ अतिरिक्त बेनिफिट के तौर पर राइडर लोकप्रिय होते हैं. ऐसे कई तरह के राइडर होते हैं जो लाइफ, हेल्थ और मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ बेचे जाते हैं. इनके जरिए ग्राहकों को कस्टमाइज्ड फीचरों की पेशकश की जाती है.
इनमें से एक लोकप्रिय राइडर हेल्थ के लिए होता है. इसके तहत गंभीर बीमारियों (क्रिटिकल इलनेस) और एक्सीडेंटल डिसेबिलिटी की स्थिति में एकमुश्त लाभ प्रदान किया जाता है.
ये आजीविका के नुकसान के मामले में वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं. इसके अलावा, एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर्स भी हैं, जो विशेष रूप से दुर्घटनाओं के कारण हुई मौत के मामले में परिवार को आर्थिक मदद प्रदान करते हैं.
दास ने बताया, कुछ राइडर्स मृत्यु की स्थिति में प्रीमियम की छूट (WOP) देते हैं जो अक्सर निवेश रिटर्न और कुछ टर्म कवर प्रदान करने वाली इनकम प्लान में महत्वपूर्ण होता है. यह सुनिश्चित करता है कि पॉलिसी समाप्त न हो और असामयिक मृत्यु की वजह से आगे प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति में भी लाभ जारी रहे. इसी तरह, गंभीर बीमारी या लकवे के बाद प्रीमियम भुगतान अवधि के दौरान दुर्घटनाओं के मामले में ये राइडर्स प्रभावी इनकम रिप्लेसमेंट टूल्स हैं.
इंडस्ट्री में टर्म राइडर्स काफी लोकप्रिय है. दास ने बताया कि राइडर्स पॉलिसी में लचीलापन लाते हैं. एक ग्राहक की ज़रूरतें समय के साथ बदलती रहती हैं. टर्म राइडर्स उचित पॉलिसी शर्तों और कवरेज अमाउंट का उपयोग करके बदलती जरूरतों को एड्रेस करने में मदद करते हैं.
उदाहरण के लिए किसी ग्राहक को अगले 10 सालों के लिए 1 करोड़ कवरेज की जरूरत है, लेकिन उसके बाद केवल 50 लाख कवरेज की जरूरत होगी. इसे 10 साल की अवधि के लिए 1 करोड़ की पॉलिसी और उसके बाद अलग से 50 लाख की पॉलिसी खरीदकर हासिल किया जा सकता है.
हालांकि, एक बहुत सस्ता और सरल विकल्प यह होगा कि अगले 10 वर्षों के लिए 50 लाख रुपये के राइडर लाभ के साथ-साथ आधार के रूप में 50 लाख रुपये का कवरेज लिया जाए. यह जरूरी है कि ग्राहक छोटी और लंबी अवधि की जरूरतों के बारे में सोचें और राइडर्स के ज़रिए ऐसा पॉलिसी कवर तैयार करें जो उनकी जरूरतों के अनुरूप हो.
अब टर्म इंश्योरेंस बहुत सारे इनबिल्ट आकर्षक विकल्पों जैसे इनकम रिप्लेसमेंट, बीमा राशि में वृद्धि या कमी और जीवनसाथी के लिए कवर के साथ आता है. दास ने बताया, राइडर बेसिक पॉलिसी को बढ़ाने और कम लागत में प्रभावी तरीके से ग्राहक के लिए इसे ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए है.
राइडर को एक ‘ऐड-ऑन’ के रूप में देखा जाना चाहिए और यह कभी भी स्टैंडअलोन बेनिफिट की जगह नहीं ले सकता. इसके अलावा, राइडर बेनिफिट बेस कवरेज, पॉलिसी टर्म, या बेस प्लान के साथ पेश किए गए अन्य नियमों और शर्तों द्वारा सीमित है और स्टैंडअलोन टर्म इंश्योरेंस की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है.