राहुल ने जब बीमा पॉलिसी डॉक्यूमेंट को गौर से पढ़ा तो पता चला कि प्योर टर्म प्लान बताकर उन्हें मार्केट लिंक्ड यूलिप (ULIP) बेच दिया गया है. राहुल समझ नहीं पा रहे थे कि इस अनचाहे बीमा का क्या करें? राहुल इस बीमा को लौटा सकते हैं. बीमा नियमक इरडा ने हर पॉलिसीधारक को नई पॉलिसी को 15 दिन में लौटाने का अधिकार दिया है. इस अवधि को फ्री लुक पीरियड कहते हैं.
कैसे काम करता है फ्री लुक पीरियड?
जीवन बीमा हो या हेल्थ बीमा, दोनों ही बीमा को आप वापस करके अपना पूरा रिफंड ले सकते हैं. बीमा नियामक की तरफ से 15 दिन का फ्री लुक पीरियड मिलता है. ऑनलाइन पॉलिसी की खरीद या किसी सुदूर जगह पर पॉलिसी पहुंचनी है तो 30 दिन का फ्रीलुक मिलता है. फ्रीलुक पीरियड की अवधि पॉलिसी डॉक्युमेंट मिलने के बाद से गिनी जाती है.अगर पॉलिसीधारक को लगता है कि बेची गई पॉलिसी उसकी जरूरत के अनुसार नहीं है या उसे लगता है कि बिक्री प्रक्रिया के दौरान उसे जो कह गया था वो सारे वादे बीमा में पूरी नहीं हो रहे तो वो पॉलिसी रद्द कर सकता है. जैसे ही बीमा के डॉक्यूमेंट आपके हाथ में पहुंचे आपको जानकारी क्रॉसचेक करनी चाहिए.
– जीवन बीमा के मामले में चेक करें कि जो एजेंट ने बताया था उतनी ही सम एश्योर्ड या इंश्योरर्ड है या नहीं.
– प्रीमियम कब तक अदा करना है ये देख लें. कई बार पाॉलिसी बेचते वक्त बीमा एजेंट कह देता है कि बस कुछ सालों तक प्रीमियम अदा कर सकते हैं और प्रीमियम नहीं भी देने पॉलिसी चलती रहेगी. ऐसे झांसे में न आए.
– धूम्रपान करते हैं तो इसकी सही जानकारी दें
– उम्र, वजन और कद की के नाप-तौल को एक दम सही रखें
– अपना मोबाइल नंबर, पता और इमेल ID को चेक करें और खुद भरें. कई बार एजेंट एक नंबर का हेर फेर कर देते हैं ताकि कंपनी पॉलिसी होल्डर को संपर्क न कर सके
क्या पॉलिसी रद्द करने पर लगेगी पेनाल्टी?
पॉलिसी रद्द करने पर पॉलिसी धारक के कोई पैनल्टी नहीं देनी होती है लेकिन बीमा कंपनी पॉलिसी से जुड़े कुछ खर्चों को काट सकती है. जैसे कि अगर मेडिकल टेस्ट हुआ है तो कंपनी इस रकम को काट सकती है. स्टैम्प ड्यूटी का खर्चा भी कंपनी काट सकती है और बाकी रकम वापस कर देती है.
फ्री लुक का फायदा कैसे उठाएं
अगर बीमा लौटाने का आपने मन बना लिया है तो एजेंट की जगह सीधे कंपनी से संपर्क करें. पॉलिसी के दस्तावेजों को लेकर बीमा कंपनी की शाखा में जाएं और संबंधित अधिकारी से संपर्क करें. लिखित में अपनी सारी बात लिखकर बताएं कि आप पॉलिसी लौटाना चाहते हैं. अगर दफ्तर नहीं जा सकते तो आप ईमेल भी कर सकते हैं. लेकिन ज्यादतर कंपनियां पॉलिसी लौटाने के काम के लिए आपको दफ्तर बुलाती हैं.
बीमा फाइनल करने से पहले रहें सतर्क
फ्रीलुक पीरियड की आपको जरूरत ही नहीं पड़ेगी अगर आप कुछ बातों का ख्याल रखें जैसे की हम बीमा एजेंट की बात पर आंख मूंद कर यकीन न करें.बीमा एजेंट पॉलिसी को लेकर जो दावे करता है उसे क्रॉस चेक न करें. ऐसा भी होता है कि आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त जो कि किसी बीमा कंपनी का एजेंट भी हो, आपको कोई पॉलिसी बेचे और आप रिश्ते की कद्र करते हुए बिना किसी सवाल के पॉलिसी खरीद लें.
Story: Priyanka Sambhav