बीमा क्लेम के लिए क्यों जरूरी हैं गाड़ी की दोनों चाबियां?

दिल्ली-NCR में बढ़ गई हैं गाड़ी चोरी होने की वारदात

बीमा क्लेम के लिए क्यों जरूरी हैं गाड़ी की दोनों चाबियां?

दिल्ली-NCR में कार चोरी की घटनाएं एक बार फिर बढ़ गई हैं. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में अलग-अलग थानों में कार चोरी की कई शिकायतें दर्ज हो रही हैं. ऐसे में अगर आपकी कार भी चोरी हो जाए तो इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए एक अहम चीज है जिसके बारे में आपको जानना जरूरी है. दरअसल, क्लेम के समय अगर आपके पास कार की सिर्फ एक चाबी है तो आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. क्लेम के लिए चाबी को लेकर क्या है नियम, आइए इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं.

सिर्फ एक चाबी रहने पर रिजेक्ट कर दिया क्लेम
दिल्ली का मयूर विहार इलाका भी कार चोरी के लिए बदनाम है. यहां हर 15 दिन या एक महीने में एक दो कार चोरी की घटनाएं रिपोर्ट होती रहती हैं. रोहित (काल्पनिक नाम) भी इस वारदात का शिकार हुए हैं. मयूर विहार एक्सटेंशन में देर रात वो अपने एक दोस्त के घर महज़ एक घंटे के लिए आए थे और उसी एक घंटे के बीच में उनकी चार महीने पहले खरीदी ब्रीज़ा कार चोरी हो गई. मेहनत की कमाई से खरीदी कार के चोरी हो जाने पर रोहित को दुख तो बहुत हुआ लेकिन ये संतोष था कि बीमा है और उसमें भी RTI यानि Return To Invoice का कवर है तो गाड़ी की मौजूदा क़ीमत के हिसाब से पूरा क्लेम मिल जाएगा. उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस जांच में जुट गई. इधर, कार के इंश्योरेंस के क्लेम की बारी आई तो उनके सामने एक नई मुसीबत आ गई. मुसीबत ये कि बीमा कंपनी ने क्लेम फाइनल करने से पहले उनसे कार की दोनों चाबियां दिखाने के लिए कह दिया जो उन्हें कार खरीदते वक़्त कंपनी की ओर से मुहैया कराईं गईं थी.

रोहित के पास कार की एक चाबी तो थी लेकिन एक चाबी उनकी पहले ही खो चुकी थी. अब बीमा कंपनी ये मानकर उनका क्लेम रिजेक्ट कर रही हैं कि उनकी ही लापरवाही से कार चोरी हुई है. दरअसल, ऐसी स्थिति में बीमा कंपनियां ये दलील देती हैं कि व्यक्ति खुद ही अपनी एक चाबी कहीं छोड़ आया होगा, जो गलत हाथों में पड़ गई और कार चोरी हो गई. ऐसे में कई बार कंपनियां क्लेम रिजेक्ट तक कर देती हैं.

एक चाबी नहीं रहने पर क्या करें?
अगर आपकी कार या बाइक की एक चाबी कभी खो जाए, तो उसकी शिकायत थाने में ज़रूर दर्ज कराएं. इसके अलावा आप नई डुप्लिकेट चाबी किसी सड़क किनारे बैठे की-मेकर से बनवाने के बजाय कार कंपनी के शोरूम से ही बनवाएं. ऐसे में जब कभी रोहित जैसी घटना आपके साथ हो तो क्लेम के वक्त आपके पास कार की एक चाबी ना भी हो तो उसके बदले में आप FIR की कॉपी या दूसरी चाबी बनवाने के खर्च का बिल दिखा सकते हैं. इससे आपका क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर निशा सांघवी कहती हैं कि व्यक्ति को कार खरीदते वक्त अपने बीमा में Key Replacement का राइडर ज़रूर शामिल कराना चाहिए. महंगी लग्जरी गाड़ियों का ऑटोमेटिक चाबी बहुत महंगी होती हैं. ऐसे में कभी कार की चाबी खो जाने पर इस राइडर की वजह से डुप्लीकेट चाबी बनवाने की आधी कीमत व्यक्ति को मिल जाती है और कभी कार चोरी हो जाए तो आप डुप्लीकेट चाबी के बिल को साक्ष्य के तौर पर भी बीमा कंपनी के सामने पेश कर सकते हैं. ऐसे में बीमा का क्लेम मिलना आसान हो जाता है.

चोरी के मामले बढ़े
बता दें कि हाल ही में पुलिस ने गाजियाबाद में कार चोर गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी पहचान मोहम्मद के तौर पर हुई. लोनी के रहने वाले मोहम्मद पर 36 कारों की चोरी का आरोप है. दिल्ली की द्वारका पुलिस ने भी कुछ समय पहले 200 कार चुराने वाले एक गैंग के मास्टर माइंड जयंत कुमार और इसके एक साथी को गिरफ्तार किया था. इसी तरह अप्रैल महीने में पुलिस ने एक सुमित नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था जिसने 100 से ज्यादा लग्जरी कारें चुराईं थी.

Published - August 17, 2023, 04:58 IST