कोरोना महामारी के काबू होने के साथ ही बीमा कंपनियों के डेथ क्लेम में बड़ी गिरावट आई है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) के डेथ क्लेम में इस साल दो तिहाई से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. महामारी शुरू होने से पहले डेथ क्लेम रेट बहुत स्थिर था.
महामारी के बाद कम हुए डेथ क्लेम
बीमा अधिकारियों का मानना है कि कोरोना महामारी थमने के बाद डेथ क्लेम में गिरावट दर्ज की जा रही है. एलआईसी ने वित्त वर्ष 2023 में कोविड से होने वाली डेथ क्लेम के लिए 560 करोड़ रुपए का भुगतान किया, जबकि पिछले वर्ष में यह 2,112 करोड़ रुपए था. यानी इस साल एलआईसी के डेथ क्लेम में पिछले साल की तुलना में 73% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. पॉलिसीधारकों की संख्या की बात करें तो पिछले वर्ष 77,222 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में कोविड डेथ क्लेम 70% घटकर 22,526 रह गए. वित्त वर्ष 2023 में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस का डेथ क्लेम 28% घटकर 4,176 करोड़ रुपए रह गया है. इसी अवधि में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का डेथ क्लेम 38% गिरकर 3,461 करोड़ रुपए हो गया, जबकि एसबीआई लाइफ 42% घटकर 3,212 करोड़ रुपए रह गया. वहीं, एलआईसी का कुल डेथ क्लेम पिछले वर्ष में 35,720 करोड़ रुपए की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में 34% घटाकर 23,423 करोड़ रुपए रह गया.
क्लेम कम होने से मुनाफे पर असर
एलआईसी के डेथ क्लेम के एवज में भुगतान कम होने से कंपनी के मुनाफे पर सकारात्मक असर देखा गया है. कंपनी का 2022-23 की चौथी तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ करीब छह बढ़कर 13,191 करोड़ रुपए पहुंच गया जबकि इसी अवधी में एक साल पहले यह आंकड़ा 2,409 करोड़ था. हालांकि एलआईसी की कुल आय 2,15,487 करोड़ से घटकर 2,01,022 करोड़ रह गई. एलआईसी बोर्ड ने वर्ष 2022-23 के लिए प्रति शेयर तीन रुपए लाभांश देने की सिफारिश की.