गुजरे कुछ वर्षों में वैकल्पिक इलाज में काफी बढ़ोतरी हुई है. सरकार के प्राकृतिक तत्वों पर आधारित इलाज को तरजीह देने के साथ ही इसकी लोकप्रियता देश के साथ विदेश में भी बढ़ रही है. लेकिन, क्या आपको ये पता है कि आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आयुष (Ayush) इलाज शामिल है या नहीं? यहां हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं.
क्या है आयुष (Ayush)?
आयुष (Ayush) में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथिक इलाज शामिल होते हैं. ये एलोपैथिक इलाज का विकल्प हैं. इस तरह के इलाज को मान्यता देने और इसे बढ़ावा देने के लिए 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था.
क्या आयुष (Ayush) हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर्ड है?
आपको अपनी पॉलिसी के नियम और शर्तों को पढ़ने की जरूरत है. इसमें आपको पता चलेगा कि क्या आपकी पॉलिसी में आयुष (Ayush) इलाज को कवर किया गया है या नहीं.
कुछ पॉलिसीज में इसे कवर किया जाता है, जबकि कई अन्य में ये कवर नहीं होता है. हालांकि, बीमा रेगुलेटर इरडा (IRDAI) ने हाल में ही ये जरूरी कर दिया है कि आयुष इलाज को 1 अप्रैल 2020 से आरोग्य संजीवनी के तहत कवर किया जाना चाहिए जो कि एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट है.
योग्यता
इरडा की परिभाषा के मुताबिक आयुष इलाज के तहत निम्न केंद्र योग्य हैंः
1. केंद्र या राज्य सरकारों के आयुष (Ayush) हॉस्पिटल
2. केंद्र सरकार/सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन/सेंट्रल काउंसिल फॉर होम्योपैथिक से मान्यता प्राप्त आयुष कॉलेज से जुड़े हुए टीचिंग हॉस्पिटल
3. IPD के साथ मौजूद आयुष (Ayush) हॉस्पिटल और स्थानीय अथॉरिटीज में रजिस्टर्ड, जो कि क्वालिफाइड रजिस्टर्ड आयुष मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वाा चलाए जा ररहे हों और निम्न शर्तें पूरी करते होंः
1. कम से कम 5 इन-पेशेंट बेड हों
2. क्वालिफाइड आयुष (Ayush) मेडिकल प्रैक्टिशनर 24 घंटे इंचार्ज हो
3. डेडिकेटेड आयुष (Ayush) थेरेपी सेक्शंस हों या इक्विप्ड ऑपरेशन थिएटर हो जहां सर्जिकल प्रक्रियाएं की जा सकें.
4. मरीजों का रोजाना रिकॉर्ड रखा जाए
साथ ही मरीज को किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल में 24 घंटे से ज्यादा के लिए हॉस्पिटलाइज्ड किया जाना चाहिए.
आयुष ट्रीटमेंट में क्या कवर्ड नहीं है
1. आमतौर पर पॉलिसी में 25% तक सम एश्योर्ड आयुष (Ayush) ट्रीटमेंट के लिए कवर होता है. आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में हालांकि, पूरा सम एश्योर्ड इसके तहत कवर होता है.
2. इलाज सरकारी एप्रूव्ड हॉस्पिटल या केंद्र में होना चाहिए.
3. सभी पॉलिसीज में आयुष (Ayush) का कैशलेस ट्रीटमेंट नहीं मिलता.
4. इसमें पॉलिसीहोल्डर की जांच-पड़ताल को शामिल नहीं किया जाता है.
5. रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस की तर्ज पर ही इसमें भी 24 घंटे से ज्यादा हॉस्पिटलाइजेशन होना चाहिए.
6. कई दफा प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन खर्च इसमें कवर नहीं होते हैं.
7. प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट इससे बाहर होते हैं.