सावधान! स्मोकिंग करने वालों से ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं इंश्योरेंस कंपनियां, यहां जानें पूरी डिटेल

चेन-स्मोकिंग की तुलना में हल्का धूम्रपान कम हानिकारक हो सकता है, लेकिन जब इंश्योरेंस की बात आती है तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 23, 2021, 12:29 IST
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चेन-स्मोकिंग की तुलना में आपका कभी कभार सिगरेट पीना कम हानिकारक हो सकता है लेकिन जब इंश्योरेंस की बात आती है तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है

चेन-स्मोकिंग की तुलना में आपका कभी कभार सिगरेट पीना कम हानिकारक हो सकता है लेकिन जब इंश्योरेंस की बात आती है तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है

ये तो हम सभी को पता होता है कि सिगरेट या तंबाकू का सेवन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि सिगरेट का सेवन आपकी जेब पर भी भारी पड़ सकता है. सिगरेट खरीदने के खर्च के अलावा कई और भी खर्चें है जो इस आदत के साथ आते हैं. इंश्योरेंस (Insurance) कंपनियां सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों से करीब 75 फीसदी तक ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं. क्योंकि इंश्योरेंस (Insurance) कंपनियां रिस्क के आधार पर प्रीमियम तय करती हैं जो धूम्रपान करने वाले व्यक्ति में सबसे ज्यादा होता है.

भले ही चेन-स्मोकिंग की तुलना में आपका कभी कभार सिगरेट पीना कम हानिकारक हो सकता है लेकिन जब इंश्योरेंस की बात आती है तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. यहां स्मोकिंग और इंश्योरेंस से जुड़े कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक लिस्ट दी गई है जो आपके सारे डाउट क्लियर कर देगी.

1- धूम्रपान करने वाला किसे माना जाता है?

अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियां सिगरेट, सिगार और पाइप, हुक्का, निकोटीन के सब्‍सीटयूट का उपयोग करने वाले लोगों को तंबाकू उपयोगकर्ता मानती हैं.

2- क्या धूम्रपान प्रीमियम दरों को प्रभावित करता है?

इंश्योरेंस कंपनियां सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों से करीब 75-100 फीसदी तक ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं. एक उदहारण से समझते हैं अगर 1 करोड़ रुपये के कवर के लिए 30 वर्षीय गैर-धूम्रपान करने वाले के लिए टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम दर 11,595 रुपये है जबकि धूम्रपान करने वालों के लिए यह लगभग 100% बढ़कर 23457 रुपये हो जाती है. प्रीमियम दरों में बड़े अंतर को देखते हुए लोग पॉलिसी खरीदते समय गलत जानकारियां देते हैं. लेकिन आपको पता होना चाहिए कि बीमा कंपनियों से धूम्रपान या किसी नशा के बारे में छुपाना भी आपके लिए घाटे का सौदा है. इससे आपको जरूरत के समय क्लेम लेने में भी बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है और कई केस में तो क्लेम नहीं भी मिलता है.

3- धूम्रपान न करने वालों की श्रेणी में आने के लिए मुझे कितने समय पहले से तंबाकू छोड़ने की जरूरत है?

यह अलग अलग कंपनियों में धूम्रपान न करने वाले के रूप में वर्गीकृत होने के लिए अलग-अलग समय सिमा हो सकती है. फिर भी सामान्य तौर पर यह अवधि 1 से 5 वर्ष के बीच कहीं भी हो सकती है. क्योंकि धूम्रपान छोड़ने के बाद भी उसका असर कई सालों तक रहता है.

4- यदि कोई व्यक्ति निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) ले रहा है. क्या उसे धूम्रपान न करने वाला माना जा सकता है?

आम तौर पर इंश्योरेंस कंपनियां व्यक्ति के लिए शरीर में पूरी तरह से निकोटीन न होने पर ही उसे नॉन स्मोकर की लिस्ट में रखती हैं.

5- क्या इंश्योरेंस कंपनियां हल्के धूम्रपान करने वाले और नियमित धूम्रपान करने वाले के बीच अंतर रखती हैं?

इसके लिए अलग-अलग बीमा कंपनियों के अलग-अलग नियम हो सकते हैं. यह लाभ उन बीमा उत्पादों पर उपलब्ध नहीं है जिनके प्राइस निर्धारण का आधार धूम्रपान करने वाले और धूम्रपान न करने वाले होता है.

6- क्या मुझे मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत है?

हेल्थ चेकअप उम्र और जीवन पर बीमा राशि के आधार पर किए जाते हैं. धूम्रपान न करने वाले को एक कोटिनिन (cotinine) परीक्षण से गुजरना पड़ता है.

7- अगर कोई व्यक्ति फॉर्म भरते समय इन बातों को छुपाता है तो क्या होगा?

ऐसे में क्लेम के समय यह एक समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि कंपनियां तथ्यों की गलत बयानी के आधार पर क्लेम को अस्वीकार कर सकती हैं.

8- क्या ई-सिगरेट को धूम्रपान माना जाता है?

ई-सिगरेट निकोटीन को कंट्रोल करती है इसलिए इंश्योरेंस कंपनियां इसे धूम्रपान करने वाले के रूप में कंसीडर करती है.

9- तंबाकू सेवन करने वालों के लिए क्या नियम होते हैं?

आमतौर पर हल्के और ज्यादा धूम्रपान करने वालों के बीच कोई अंतर नहीं होता है. लेकिन अगर व्यक्ति अस्वस्थ है और बीमा राशि बड़ी है तो इंश्योरेंस कंपनियां अधिक प्रीमियम की मांग कर सकती हैं.

Published - August 23, 2021, 12:29 IST