बढ़ते कोरोना मामले भारत की इकोनॉमी के लिए चिंता खड़ी कर रहे हैं. पिछले साल लोगों ने जाना की महामारी किस तरह की आर्थिक और सेहत से जुड़ी चुनौतियों लेकर आ सकती है. इस दौरान कई लोगों ने नौकरी से हाथ धोया और कई लोगों की आय के स्रोत घटे. जिन लोगों का अपना कोई छोटा व्यवसाय था उनकी आय में भी बड़ी गिरावट आई. ऐसे में सरकार ने कुछ वर्ग के लोगों को सहायता देने की कोशिशी की है. इसी सहायता का एक हिस्सा रहा है ESIC के तहत आने वाली स्कीम अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (ABVKY). अब इस स्कीम को 30 जून 2021 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.
ESI एक्ट 1948 के सेक्शन 2(9) के तहत कवर हो रहे कर्मचारियों के हित में ये स्कीम लाई गई थी जिसमें 90 दिनों तक पेमेंट बतौर राहत दी जाती है. स्कीम को 1 जुलाई 2018 से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था और इसकी अवधि 2 साल तय की गई थी. लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए इसकी अवधि 1 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 1 जून 2021 की गई है.
योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है. अब इस भत्ते को भी आय के 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है. पिछली नौकरी में हर दिन जितनी इनकम मिलती थी उसका 50 फीसदी आपको दिया जाएगा. 90 दिन तक की बेरोजगारी के लिए आप ये क्लेम कर सकते हैं. अगर आप अपनी पिछली नौकरी में ESIC के अंतरगत इंश्योरेंस के पात्र थे तो आप अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (ABVKY) का फायदा उठा सकते हैं. नौकरी जाने से पहले वाली बीमा योग्य रोजगार में आपने अगर कम से कम 2 साल काम किया है तो आप इस भत्ते के अधिकारी होंगे. साथ ही आपने इस दौरान कम से कम 78 दिनों का योगदान दिया हो.
नौकरी जाने के 30 दिन बाद आप इस स्कीम के फायदे क्लेम कर सकते हैं. मजदूर इसके लिए सीधे ESIC के ब्रांच ऑफिस में क्लेम सौंप सकते हैं. इसके लिए आपको ब्रांच में आधार कार्ड की फोटोकॉपी, एफिडेविट, और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी. आप www.esic.in पर जाकर ऑनलाइन भी अर्जी सौंप सकते हैं. हालांकि क्लेम भरने का मतलब ये नहीं कि क्लेम मंजूर भी हो गया है. वेरिफिकेशन के बाद ही ये मंजूर होता है. 60 साल की उम्र तक के लोग इस स्कीम (ABVKY) का फायदा ले सकते हैं. वेरिफिकेशन के लिए वर्कर से डिक्लेरेशन नहीं मांगा जाएगा, बल्की जहां पहले काम करते थे वहां से डिटेल ली जाएगी.
अगर लॉकडाउन के दौरान आपकी नौकरी गई और अब आपको दोबारा रोजगार मिल गया है तो भी आप इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं.
ध्यान रहे कि ये सिर्फ उन लोगों के लिए लागू है जिन्होंने 24 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच नौकरी छूट गई हो, निकाल दिए गए हों या किसी वजह से बेरोजगार हो गए हों.
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