बाइक चलाते हैं तो जरूर करा लें Insurance, मिलता है 15 लाख का मुआवजा

Bike Insurance बेहद जरुरी है. क्योंकी भारत में हर साल पांच लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें से ज्यादातर में दोपहिया वाहन शामिल होते हैं.

Avoid these common mistakes before renewing two wheeler insurance, otherwise you will regret

आपको कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी मौजूदा दोपहिया बीमा पॉलिसी को नवीनीकृत करना होगा। यह आपके द्वारा अर्जित सभी लाभों को बचाता है

आपको कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी मौजूदा दोपहिया बीमा पॉलिसी को नवीनीकृत करना होगा। यह आपके द्वारा अर्जित सभी लाभों को बचाता है

Bike Insurance बेहद जरूरी है. क्योंकि भारत में हर साल 5 लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें से ज्यादातर घटनाओं में दोपहिया वाहन शामिल होते हैं. लेकिन जब आप बाइक इंश्योरेंस कराते हैं तो कभी सोचा है कि इसके साथ क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? आपके घर में स्कूटर या बाइक है और आपने उसका इंश्योरेस कराया है, तो यह जरूर जानना चाहिए कि बीमा के साथ क्या-क्या कवर मिलता है. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टू-व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी आपको सबसे ज्यादा जरूरत पड़ सकती है.

जब आप बाइक का इंश्योरेस लेते हैं तो उसके साथ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, ओन डैमेज इंश्योरेंस, कॉम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस, पर्सनल एक्सिडेंट फॉर ओनर ड्राइवर और 15 लाख का पर्सनल एक्सिडेंट कवर मिलता है.

दो तरह के होते हैं बाइक इंश्योरेंस

बाइक इंश्योरेंस में दो हिस्से होते हैं-थर्ड पार्टी लायबलिटी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस. मतलब आपकी बाइक से जब किसी दूसरी गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो उसका थर्ड पार्टी लायबलिटी इंश्योरेंस में कवर आता है. आपकी खुद की गाड़ी डैमेज हो तो उसे ओन डैमेज सेक्शन कहते हैं. इसी में चोरी भी आती है जिसमें इंश्योरेंस कंपनी पैसा भरती है. थर्ड पार्टी लायबलिटी इंश्योरेंस को टीपी इंश्योरेंस भी कहते हैं जो मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक लेना जरूरी है.

इस शर्त पर मिलते हैं 15 लाख रुपये

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में ‘पर्सनल एक्सिडेंट कवर फॉर ओनर ड्राइवर’ का एक सेक्शन होता है. अगर बाइक चालक के पास वैलिड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस हो और बाइक चलाते वक्त दुर्घटना में उसकी मौत हो जाए तो बीमा कंपनी की तरफ से 15 लाख रुपये मिलते हैं. यह राशि पर्सनल एक्सिडेंट कवर के रूप में होती है. बीमा कंपनी से मुआवजा लेने का पूरा नियम है जिसे फॉलो कर वाहन मालिक के घर वाले यह राशि आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

कब मिलता है मुआवजा

इसके लिए आपको ‘ओन डैमेज कवरेज’  (own damage coverage) लेना होता है जिसमें गाड़ी का टायर चोरी हो जाए, गाड़ी चोरी हो जाए, किसी दूसरी गाड़ी से आपकी बाइक डैमेज हो जाए, आग से बाइक को नुकसान हो या बिजली गिरने से बाइक क्षतिग्रस्त हो जाए तो इस कवरेज के तहत बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा मिलता है.

पहले 2 लाख रुपये का था बीमा कवर

31 दिसंबर 2018 तक वाहन चालकों को अधिकतम 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर मिलता था. दोपहिया वहनों के लिए यह रकम 1 लाख रुपये और कॉमर्शियल या प्राइवेट कारों के लिए दुर्घटना बीमा की रकम 2 लाख रुपये थी.

अनिवार्य दुर्घटना बीमा एक्‍सपायर होने पर अलग से लेनी होगी पॉलिसी

IRDAI के 2018 के एक सर्कुलर के अनुसार, अगर किसी व्‍यक्ति का अनिवार्य दुर्घटना बीमा कवर एक्‍सपायर हो रहा है तो वह किसी भी जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी से अनिवार्य दुर्घटना बीमा कवर ले सकता है. यह कवर उस व्‍यक्ति के सभी वाहनों/ड्राइविंग पर लागू होगा. दूसरे शब्‍दों में कहें तो अनिवार्य दुर्घटना बीमा कवर पॉलिसी मान्‍य होगी अगर ओनर-ड्राइवर अपने नाम से खरीदे गए वाहन चलाता है.

Published - July 23, 2021, 05:18 IST