इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य बीमा में 100 फीसद कैशलेस क्लेम और क्लेम के जल्द से जल्द निपटान के लिए वह हेल्थ बीमा कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है. बीमा रेग्युलेटर ने कहा कि फिलहाल कैशलेस क्लेम की प्रक्रिया लंबी है और बीमा कंपनियां कैशलेस क्लेम में भी कई तरह के शुल्क का दावा करके 10 फीसद या इससे ज्यादा की कटौती कर लेती हैं. बीमा नियामक की तरफ से यह भी बताया गया कि फिलहाल अधिकतर अस्पताल कैशलेस क्लेम वाले मरीजों को भर्ती नहीं करते.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 3 दिन के ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ के दूसरे दिन भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा कि नियामक जल्द से जल्द 100 फीसद कैशलेस क्लेम शुरू करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा इंस्योरेंस काउंसिल के साथ काम कर रहा है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि 100 फीसद कैशलेस को लेकर होने वाला बदलाव कब से लागू होगा.
देबाशीष पांडा ने कहा कि बीमान नियामक IRDAI इसके लिए ‘नेशनल हेल्थ एक्सचेंज’ में अधिक अस्पतालों को शामिल करने के लिए इंश्योरेंस काउंसिल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रहा है. पांडा ने कहा कि IRDAI बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की बेहतर और किफायती सेवा देने के लिए बीमा कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक ‘सभी को बीमा’ के लिए अभियान पर IRDAI चेयरमैन ने कहा, “हम लक्ष्य को समय से बहुत पहले हासिल करने के लिए काम करेंगे।”