लगभग 134 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत ने एक करोड़ लोगों का टीकाकरण (Vaccination) कर के एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है. कोविड-19 टीकाकरण में भारत, विश्व में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक 1.18 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है.
देश भर में 16 जनवरी से एक सुनियोजित तरीके से टीकाकरण (Vaccination) अभियान शुरू किया गया. इसके लिए सरकार ने पहले ही प्लान बना लिया था. जिसके तहत सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई, जिनकी संख्या करीब एक करोड़ है। उनके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगाई जा रही है, जो करीब दो करोड़ हैं और उनके बाद 27 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो 50 साल से ऊपर हैं या कोमोरबिडिटी से ग्रसित हैं। अब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी.
पहले दो का टीकाकरण (Vaccination) अब पूरा होने की कगार पर है, अगला नंबर तीसरे वर्ग का ही है. इस बीच वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगनी शुरू हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही घोषणा की है कि अगले महीने से बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लगाना शुरू हो जाएगा.
जहां एक ओर भारत देश में वैक्सीनेशन (Vaccination) लगाने की रफ्तार बढ़ा रहा है वहीं दूसरे देशों में भी भारतीय वैक्सीन की मांग बढ़ रही है। भारत के पड़ोसी देशों समेत विश्व के करीब 60 से अधिक देश भारत से वैक्सीन के लिए संपर्क कर चुके हैं. इनमें से कोविड वैक्सीन 25 देशों को भेजी जा चुकी है और जल्द ही विश्व के 49 और देशों में वैक्सीन भेजी जाएगी.
मुख्य मकसद वायरस की चेन तोड़ना
देश में इस वक्त दो वैक्सीन- कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) लगायी जा रही है. सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली की डॉ. रूपाली मलिक का कहना है कि दोनों वैक्सीन काफी प्रभावी हैं. इसलिए जिस दिन भी जिसका नंबर आए, वो वहां जाये, टीकाकरण केंद्र (Vaccination Centre) पर जो भी वैक्सीन लगाई जाये, उसे लगवाये.
उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी खुद से आए या वैक्सीन से, मुख्य मकसद संक्रमण की चेन को तोड़ना है. इसलिए कहा जाता है अगर कोई कोविड से ठीक हो चुका है, तो भी उसे वैक्सीन लगवानी चाहिए, ताकि उसके अंदर की इम्यूनिटी अगर खत्म भी होने वाली होगी तो उससे पहले ही वैक्सीन से फिर से एंटीबॉडी आ जाएंगे. इससे समाज में धीरे-धीरे हर्ड इम्यूनिटी आने की संभावना बढ़ती जाएगी.