गिरावट के दौर में क्या खरीदनी चाहिए चांदी?

वर्ष 2023 के दौरान दुनियाभर में चांदी की मांग के मुकाबले सप्लाई कम रह सकती है.

गिरावट के दौर में क्या खरीदनी चाहिए चांदी?

गोल्ड की कीमतों को लेकर बीता एक महीना काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. विदेशी बाजार में 100 डॉलर से ज्यादा की मूवमेंट दिखी. और घरेलू बाजार में करीब ढाई हजार रुपए के दायरे में करोबार हुआ. लेकिन दोनों ही बाजारों में सोना नई रिकॉर्ड ऊंचाई छूने में कामयाब रहा. गोल्ड के बाजार को लेकर इस भारी उतार-चढ़ाव की संभावना हमने गोल्ड सेंट्रल के पिछले एपीसोड में जताई थी. अब बड़ा सवाल यह बनता है. कि आगे सोने की कीमतें और बढ़ेंगी. या कीमतें टूट सकती हैं. गोल्ड सेंट्रल के आज के एपीसोड में हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे. साथ में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की उस रिपोर्ट को भी समझेंगे. दो दुनियाभर में सोने की मांग और सप्लाई की विस्तार से जानकारी दे रही है. और हमेशा की तरह सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स. तथा केंद्रीय बैंकों की खरीदारी की रिपोर्ट तो है ही.

पिछले हफ्ते रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा सोने और चांदी का भाव. आज गोल्ड सेंट्रल में जानेंगे भविष्य की कीमतों का आउटलुक

पिछले हफ्ते वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने दुनियाभर में सोने की मांग और सप्लाई को लेकर रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में कहा गया. मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में सोने की कुल सप्लाई में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि खदानों से सोने की सप्लाई. रिकॉर्ड स्तर पर रही है. और रीसाइकलिंग के जरिए होने वाली सप्लाई भी बढ़ी है. मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में खदानों से 856 टन सोने की सप्लाई हुई है. जो किसी भी कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में अबतक की सबसे ज्यादा सप्लाई है.. मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में रीसाइक्लिंग के जरिए 310 टन सोना बाजार में पहुंचा है. जो 2016 के बाद किसी भी वर्ष की मार्च तिमाही में हुई सबसे ज्यादा रीसाइक्लिंग गोल्ड सप्लाई है.

दुनियाभर में सोने की जितनी खपत होती है. उसमें लगभग आधी खपत ज्वेलरी के तौर पर होती है. और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट बताती है. कि मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में ज्वेलरी के लिए सोने की मांग में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि भारत में मांग 17 फीसद घटी है. लेकिन चीन में बढ़ी मांग की वजह से. मार्च तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर ज्वेलरी के लिए सोने की मांग करीब 478 टन रही है. जो कैलेंडर वर्ष 2022 की मार्च तिमाही के मुकाबले करीब 1 फीसद ज्यादा है.

पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोने के बड़े खरीदार बनकर उभरे हैं. और उनकी खरीदारी का यह सिलसिला मार्च तिमाही में भी बरकरार रहा. जनवरी से मार्च के दौरान दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 228 टन से ज्यादा सोने की खरीद की है. जो किसी भी कैलेंडर वर्ष की मार्च तिमाही में हुई अबतक की सबसे ज्यादा खरीद है. हालांकि पिछले साल की दिसंबर और सितंबर तिमाही से तुलना करें. तो खरीद घटी जरूर है. दिसंबर तिमाही में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की कुल खरीद 379 टन और सितंबर तिमाही में तो 478 टन दर्ज की गई. लेकिन तुलना अगर 2022 की मार्च तिमाही से हो. तो इस साल मार्च तिमाही में केंद्रीय बैंकों की कुल खरीद 176 फीसद बढ़ी है. मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में सिंगापुर, चीन और तुर्की के केंद्रीय बैंक सोने के सबसे बड़े खरीदार बनकर उभरे हैं. सिंगापुर के केंद्रीय बैंक ने 69 टन और चीन के केंद्रीय बैंक ने 58 टन सोने की खरीद की है.

पिछले कुछ वर्षों से टेक्नोलॉजी सेक्टर भी सोने का बड़ा कंज्यूमर बनकर उभरा है. लेकिन इस साल मार्च तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी सेक्टर में सोने की मांग 13 फीसद घटी है. जनवरी से मार्च के दौरान दुनियाभर के टेक्नोलॉजी सेक्टर में सिर्फ 70 टन सोने की खपत हुई है. जबकि 2022 की मार्च तिमाही में यह आंकड़ा 81 टन हुआ करता था. आर्थिक सुस्ती की वजह से इलेक्ट्रोनिक्स सेक्टर से मांग प्रभावित हुई है.

मार्च तिमाही के दौरान दुनियाभर में निवेश के लिए सोने की मांग घटी है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट कहती है. कि मार्च तिमाही में निवेश मांग 51 फीसद घटकर 274 टन रही है. हालांकि इस दौरान गोल्ड बार और सिक्कों की मांग में 5 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है. गोल्ड बार और सिक्कों की मांग 302.4 टन रही है.

अब बात गोल्ड के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स की करते हैं. मार्च के दौरान दुनियाभर के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स 10 महीने बाद पहली बार नेट खरीदार बने थे. मार्च में उन्होने सोने की नेट 32 टन खरीद की थी.. और यह सिलसिला अप्रैल में भी जारी है. अप्रैल के दौरान दुनियाभर के गोल्ड ईटीएफ सोने के नेट खरीदार रहे हैं और नेट 15 टन की खरीदारी हुई है. दुनियाभर के गोल्ड ईटीएफ्स की कुल होल्डिंग बढ़कर 3459 हो गई है. जो 2023 का ऊपरी स्तर है.

सोने के बाद अब बात चांदी की करते हैं. सिल्वर इंस्टिट्यूट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है.. कि वर्ष 2023 के दौरान दुनियाभर में चांदी की मांग के मुकाबले सप्लाई कम रह सकती है. मांग के मुकाबले सप्लाई में करीब 14.21 करोड़ औंस की कमी का अनुमान है. अगर ऐसा होता है. तो लगाता तीसरे साल मांग के मुकाबले चांदी की सप्लाई घटेगी. इससे पहले साल 2021 और 2022 के दौरान भी मांग के मुकाबले चांदी की सप्लाई में कमी देखने को मिली है. 2022 के दौरान तो वैश्विक स्तर पर चांदी की मांग 124.24 करोड़ औंस थी.. जबकि सप्लाई 100.47 करोड़ औंस दर्ज की गई.

हमारे खास शो ‘गोल्ड सेंट्रल’ में हम एक्सपर्ट से सोने-चांदी का आउटलुक जानते हैं.अगर आप भी जानना चाहते हैं एक्सपर्ट की राय, तो क्लिक कीजिए इस वीडियो पर.

Published - May 22, 2023, 08:14 IST