Gold Jewellery: ज्वैलरी में मेकिंग चार्ज का क्या होता है फंडा? यहां उठेगा इसके रहस्य से पर्दा

Making charges: कई बार हम ज्वैलरी पर लगने वाले भारी-भरकम मेकिंग चार्ज को लेकर डर जाते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज क्यों लगता है.

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PTI -

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इस समय सहालग का माहौल चल रहा है. वहीं, अगले माह अक्षय तृतीया (akshay tritiya) जैसे बड़ा त्‍योहार है. दोनों ही मौकों पर आभूषण खरीदे जाते हैं. लेकिन, आभूषण पर आप जो मेकिंग चार्जेज (Making charges) चुकाकर आएंगे, उसका गणित समझना बहुत जरूरी है. कई बार जानकारी के अभाव में आप ठगा सा महसूस करने लग जाते हैं. यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज (Making charges) क्यों वसूला जाता है.

जितना महीन काम,  मेकिंग चार्जेज उतने अधिक 

श्री सर्राफा कमेटी आगरा के मंत्री देवेंद्र गोयल कहते हैं कि सोना विदेश से आयात किया जाता है. इस आयतित सोने के रूप को मार्केट की भाषा में ब्रेड भी कहा जाता है. इसका वजन एक किलो होता है. वहीं, प्‍योरिटी 99.5 होती है. इसके बाद इसे आभूषणों में ढाला जाता है. आभूषणों पर जितना महीन काम होता है, उस पर मेकिंग चार्जेज भी बढ़ता जाता है. इसका कोई एक मूल्‍य निर्धारित नहीं है. यह ज्‍वैलरी की कुल कीमत का पांच या 10 फीसदी भी हो सकता है. यह भी जान लेना जरूरी है कि मार्केट में मिलने वाली ज्वैलरी के दाम असल में सोने की कीमत से अधिक होती हैं. ज्‍वैलर्स की ओर से लगाए गए दामों में मेकिंग चार्ज भी शामिल होते हैं.

ऐसे समझें
उदाहरण के तौर पर एक सोने की अंगूठी कीमत 60 हजार रुपये है. इस पर 10 फीसदी मेकिंग चार्ज लगता है तो इसकी कीमत 66 हजार रुपये हो जाती है. यानि आपको छह हजार तो सिर्फ मेकिंग के ही चुकाने पड़ेंगे. देखें तो यह कीमत काफी अधिक हो जाती है.

15 साल पहले हुई थी मेकिंग चार्ज की शुरुआत
मेकिंग चार्ज की शुरुआत 2005-06 में हुई थी, जब गोल्ड की कीमत पहली बार 9,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंची थी. इसके बाद से आभूषण कारोबारियों ने मनमाने ढंग से मेकिंग चार्ज भी वसूलना शुरू कर दिया.

अधिक कारीगरी पर न जाएं
आभूषण खरीदते वक्‍त अधिक कारीगरी पर न जाएं. जैसे-जैसे ज्‍वैलरी पर कारीगरी बढ जाती है, वैसे ही मेकिंग चार्जेज भी बढ़ने लगते हैं. अगर आप ज्वैलरी बेचने जाते हैं तो ज्वैलर मेकिंग चार्ज काटकर आपको केवल सोने का पैसा देता है. इसलिए इस चीज पर आप ज्यादा पैसे खर्च न करें. खरीदारी के दौरान आभूषण की कीमत को पूरा ब्‍यौरा मांगिए. ताकि बेचते वक्‍त आपको परेशानी न हो.

Published - April 24, 2021, 07:03 IST