कोरोना के दौर में गोल्ड ETF पर मेहरबान हो रहे निवेशक, पिछले साल 4 गुना बढ़ा निवेश

बीते वित्त वर्ष निवेशकों ने गोल्ड से जुड़े 14 ETF में नेट 6,919 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह 2019-20 में हुए 1,614 करोड़ के निवेश का चार गुना है.

World Gold Council, Gems and Jewellery Export Promotion Council, GJEPC, gold jewellery, gold

PTI

PTI

कोविड-19 की दूसरी लहर तेजी से पूरे देश में फैलन, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में लॉकडाउन जैसी सख्ती के साथ देश के कई हिस्सों में रात के कर्फ्यू के साथ ही निवेशकों का मार्केट से भरोसा फिर से हिलता दिख रहा है. ऐसे में एक बार फिर से निवेशक गोल्ड जैसे सुरक्षित निवेश ठिकाने की ओर बढ़ रहे हैं. बीते वित्त वर्ष 2020-21 में निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF) में 6,900 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस लिहाज से यह लगातार दूसरा वित्त वर्ष रहा जबकि गोल्ड ईटीएफ में नेट इनफ्लो यानी निवेश हुआ है. इससे पहले 2013-14 से गोल्ड ईटीएफ से लगातार निकासी देखने को मिली थी. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि इस बात की संभावना काफी कम है कि चालू वित्त वर्ष में भी गोल्ड ईटीएफ में इतना ही निवेश हो. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, हाल में खत्म हुए वित्त वर्ष में निवेशकों ने गोल्ड से जुड़े 14 ETF में शुद्ध रूप से 6,919 करोड़ रुपये का निवेश किया. यह 2019-20 में हुए 1,614 करोड़ रुपये के निवेश का चार गुना है. इससे पहले 2018-19 में गोल्ड ईटीएफ से नेट से 412 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. 2017-18 में गोल्ड ईटीएफ से 835 करोड़ रुपये, 2016-17 में 775 करोड़ रुपये, 2015-16 में 903 करोड़ रुपये, 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपये और 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपये निकाले गए थे.

अप्रैल में 2,200 रुपये सस्ता हुआ सोना
पिछले साल गोल्ड ने 30 फीसदी का रिटर्न दिया था. इस साल के शुरुआती महीनों में इसमें गिरावट देखने को मिली, लेकिन फिर से इसकी कीमत में उछाल आ रहा है. IBJA की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, अप्रैल में 24 कैरेट गोल्ड 2,200 रुपये और सिल्वर 4000 रुपये से ज्यादा महंगी हो चुकी है.

यील्ड में फिर आ रही गिरावट
बॉन्ड यील्ड में जब-जब गिरावट आती है, सोने की कीमत में उछाल आता है. इस सप्ताह अमेरिकी 10 साल वाले बॉन्ड की यील्ड 1.662 फीसदी पर आ गई. 31 मार्च को यह 1.744 फीसदी पर थी, जबकि 30 मार्च को बॉन्ड यील्ड एक बार 1.77 तक पहुंच गई थी. ये जनवरी 2020 के बाद का सर्वोच्च स्तर है. कोरोना के मामले में तेजी के बीच यील्ड पर दबाव बढ़ रहा है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है.

Published - April 11, 2021, 04:27 IST