सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग की डेडलाइन आगे बढ़ाई, ये है नई तारीख

Hallmarking: की समय सीमा बढ़ाकर 15 जून कर दी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है.

Gold Hallmarking, gold, jeweller associations, BIS, gold jewellery

जौहरी नए एचयूआईडी को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है

जौहरी नए एचयूआईडी को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है

सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग (Hallmarking) को अनिवार्य करने की समयसीमा बढ़ा दी गयी है. केंद्र ने सोमवार को COVID-19 महामारी के मद्देनजर सोने के आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग (Hallmarking) की समय सीमा बढ़ाकर 15 जून कर दी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है.

सरकार ने की थी घोषणा

सरकार ने नवंबर 2019 में घोषणा की थी कि 15 जनवरी 2021 से पूरे देश में सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी. हालांकि, ज्वैलर्स द्वारा महामारी को देखते हुए और समय मांगने के बाद समय सीमा को चार महीने के लिए बढ़ाकर 1 जून कर दिया गया था . गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणीकरण है.

सोने के गहनों की हॉलमार्किंग 15 जून से शुरू होने वाली है. इससे पहले इसके 1 जून, 2021 से लागू किए जाने की उम्मीद थी.

आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘कोविड महामारी के मद्देनजर सरकार ने संबंधित पक्षों के इसे क्रियान्वित करने और इससे जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये और समय दिये जाने के अनुरोध को स्वीकार किया है.’’ बयान के अनुसार स्वर्ण आभूषण पर हॉलमार्किंग व्यवस्था 15 जून से शुरू होगी. पहले यह एक जून, 2021 से क्रियान्वित होनी थी.

उचित समन्वय सुनिश्चित करने और क्रियान्वयन के मुद्दों को हल करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. समिति में उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे और जूलर्स एसोसिएशन, व्यापार और हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

हॉलमार्किंग जरूरी

इस मौके पर मंत्री ने कहा, ‘‘सोने के आभूषणों में भारत के पास विश्व के बेहतरीन मानक होने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि सोने के आभूषण को लेकर भरोसा तथा ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर तीसरे पक्ष के आश्वासन के माध्यम से आभूषणों/कलाकृतियों की हॉलमार्किंग जरूरी है.

उन्होंने कहा, “इस कदम से भारत को दुनिया में एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद मिलेगी.” 15 जून से ज्वैलर्स को केवल 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी.

बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है. वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है.

सरकार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में परख और हॉलमार्किंग केंद्रों में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 454 से बढ़कर 945 हो गई है. वर्तमान में, 940 परख और हॉलमार्किंग केंद्र संचालित हैं. इसमें से 84 केंद्र विभिन्न जिलों में सरकारी सब्सिडी योजना के तहत स्थापित किए गए हैं.

इन केंद्रों की मौजूदा क्षमता के साथ एक वर्ष में लगभग 14 करोड़ वस्तुओं की हॉलमार्किंग की जा सकती है. वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल के अनुसार, भारत में लगभग 4 लाख जौहरी हैं, जिनमें से केवल 35,879 को ही बीआईएस प्रमाणित किया गया है. भारत सालाना 700-800 टन सोने का आयात करता है.

Published - May 25, 2021, 03:01 IST