खुशखबरी! किसानों को अब DAP खाद के लिए ज्‍यादा कीमत नहीं चुकानी होगी, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

DAP Fertiliser: अब किसानों को प्रति बोरी 500 रुपये की जगह 1200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. सरकार ने डीएपी फर्टिलाइजर पर सब्सिडी (Subsidy) 140 फीसदी बढ़ा दी है.

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pixabay, eNAM एक ऑनलाइन ट्रेडिंग मार्केट है, जहां पर देश के किसान अपनी उपज को बिना किसी बिचौलिए की मदद से बेच सकते हैं.

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किसानों के लिए खुशखबरी है. किसानों को अब डीएपी फर्टिलाइजर (DAP Fertiliser) के लिए ज्‍यादा कीमत नहीं चुकानी होगी. अब किसानों को प्रति बोरी 500 रुपये की जगह 1200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. सरकार ने डीएपी फर्टिलाइजर (DAP Fertiliser) पर सब्सिडी (Subsidy) 140 फीसदी बढ़ा दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उच्च-स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया. किसानों को डीएपी का एक बैग 2400 रुपये के बजाय अब 1200 रुपये में मिलेगा. सरकार इस सब्सिडी के लिए 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय करेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि किसानों को मूल्य वृद्धि का दुष्प्रभाव न भुगतना पड़े. केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. डीएपी में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी.

पिछले साल 1700 रुपये प्रति बोरी थी डीएपी की कीमत

पिछले साल डीएपी (DAP) की असल कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी. इस पर केंद्र सरकार (Cental Government) 500 रुपये की सब्सिडी देती थी. इस तरह किसानों को प्रति बोरी 1200 रुपये की कीमत चुकानी पड़ती थी, लेकिन, हाल में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड (PhosPhoric Acid), अमोनिया (Amonia) आदि की कीमतें 60 से 70 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इसके चलते डीएपी की एक बोरी की कीमत 2,400 रुपये हो गई है. सब्सिडी घटाकर खाद कंपनियों को इसकी बिक्री प्रति बोरी 1900 रुपये में की जाती है.

सरकार की विपक्षी दलों ने की थी आलोचना

विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस ने डीएपी खाद की कीमतों में बढ़ोतरी की तीखी आलोचना की थी. कहा था कि डीएपी की कीमत में 700 रुपये की वृद्धि किसानों को गुलाम बनाने की केंद्र सरकार की साजिश है. विपक्षी दलों ने सरकार से जल्द बढ़ी हुई कीमतें वापस लेने की मांग की थी. दूसरे दलों ने भी कीमत बढ़ाने के सरकार के फैसले की आलोचना की थी.

Published - May 20, 2021, 10:20 IST