राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने गुरुवार को चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय के 41वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के बतौर शिरकत की. इस अवसर पर राष्ट्रपति (President Ram Nath Kovind) ने विभिन्न पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त करने वाले 69 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए. इसके अलावा उन्होंने इंजीनियरिंग और वास्तुकला पाठ्यक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कुछ चुनिंदा विद्यार्थियों को डिग्री भी प्रदान की. कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने अन्ना विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित भी किया.
उन्होंने कहा, मुझे इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के स्नातक समारोह में ऐसे उत्साही छात्रों के बीच आने की खुशी है. मेरे युवा साथियों को मेरी हार्दिक बधाई, जिन्होंने आज विशेष रूप से स्नातक किया, जिन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और शैक्षणिक क्षमता के लिए पदक जीते.
अन्ना विश्वविद्यालय का तमिलनाडु में स्थित होना इसका सौभाग्य
उन्होंने कहा, अन्ना विश्वविद्यालय का तमिलनाडु में स्थित होना इसका सौभाग्य है जो अनादि काल से ज्ञान और शिक्षा का उद्गम स्थल रहा है. संगम साहित्य के रूप में सदियों से फैली लंबी साहित्यिक परंपरा सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है, क्योंकि ये हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. अन्ना विश्वविद्यालय भारत की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है.
1794 में हुई थी अन्ना विश्वविद्यालय के सबसे पुराने कॉलेज की स्थापना
राष्ट्रपति (President Ram Nath Kovind) ने कहा, ज्ञान को चुराया नहीं जा सकता. ज्ञान बांटने पर बढ़ता है. ज्ञान बदलाव का उत्प्रेरक है. ज्ञान युवाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अनुसंधान, कौशल पर आधारित एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करने का प्रयास करती है और वर्तमान की बढ़ती जरूरतों के लिए प्रासंगिक है. मुझे बताया गया है कि अन्ना विश्वविद्यालय के सबसे पुराने कॉलेज की मई 1794 में स्कूल ऑफ सर्वे के रूप में शुरुआत की गई थी जो अब प्रसिद्ध गुइंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बन गया है. बीते साल कॉलेज ने अपनी 225 वीं वर्षगांठ मनाई.
अन्ना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बनाया ‘ANUSAT’ उपग्रह
राष्ट्रपति ने कहा मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि यह भारत का पहला विश्वविद्यालय है जिसने इसरो के साथ मिलकर एक उपग्रह को डिजाइन, विकसित और संचालित किया. इसे ‘ANUSAT’ नाम दिया गया है. यह उपग्रह न केवल एक उपलब्धि है, बल्कि दुनिया भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है कि वे सितारों तर अपनी पहुंच रखते हैं. अन्ना विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए एक सम्मान की बात है क्योंकि मेरे पूर्ववर्ती भारत रत्न डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भी इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र थे. हम सभी के लाभ के लिए ज्ञान को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं.
महान कवि सुब्रमण्यम भारती ने लिखा था
“हमारा देश भारत पूर्ण ज्ञान के साथ धन्य है, यह वह जगह है जहां गौतम बुद्ध की करुणा है.”
महिलाओं का विशेष योगदान
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, मुझे बताया गया है कि स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के एक लाख से अधिक उम्मीदवार आज डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं हैं. आज स्वर्ण पदक और प्रथम श्रेणी की डिग्री प्राप्त करने वाले कुल छात्रों में से 60 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं.