Unemployment in India: अक्टूबर-दिसंबर 2020 में शहरी क्षेत्रों (urban areas) में बेरोजगारी दर (Unemployment rate) बढ़कर 10.3% हो गई. इसमें सभी उम्र के लोग शामिल हैं. एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.9% थी. जुलाई-सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर 13.3% थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के नौवें पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) में ये जानकारी सामने आई है. श्रम बल (Labour force) में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत को अनएम्प्लॉयमेंट रेट कहते हैं.
सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्रों में सभी उम्र के लिए लेबर फोर्स भागीदारी दर (labour force participation rate) 2020 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 37.3 प्रतिशत थी, जो एक साल पहले इसी अवधि में 37.2 प्रतिशत थी.
वहीं जुलाई-सितंबर 2020 में यह 37 फीसदी थी. लेबर फोर्स का मतलब जनसंख्या के उस भाग से है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए या तो काम कर रहे हैं या कार्य की तलाश कर रहे हैं.
इसलिए, इसमें नियोजित (employed) और बेरोजगार (unemployed) दोनों व्यक्ति शामिल हैं.
एनएसओ ने अप्रैल 2017 में PLFS लॉन्च किया था. PLFS के आधार पर, श्रम बल संकेतकों (labour force indicators) जैसे बेरोजगारी दर, वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो (WPR), लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन (LFPR) का अनुमान देते हुए एक त्रैमासिक बुलेटिन जारी किया जाता है.
श्रम बल में जनसंख्या के प्रतिशत को LFPR कहा जाता है. वहीं WPR को किसी देश में श्रमिकों की कुल संख्या और देश में जनसंख्या के बीच के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसे 100 से गुणा किया जाता है.
अक्टूबर-दिसंबर 2020 में वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो 33.5 फीसदी रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.2 फीसदी था. जुलाई-सितंबर 2020 में यह 32.1 फीसदी थी.
दिसंबर 2018, मार्च 2019, जून 2019, सितंबर 2019, दिसंबर 2019, मार्च 2020, जून 2020 और सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही के लिए पीएलएफएस के आठ बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं. अभी जारी किया गया बुलेटिन सीरीज में नौवां है.