भारत-ब्रिटेन FTA के रास्‍ते में नई अड़चन!

जनवरी में होने वाली अगले दौर की वार्ता से पहले ब्रिटेन ने की स्‍टील, एल्‍यूमिनियम पर कार्बन टैक्‍स लगाने की घोषणा.

India UK FTA

UK to levy carbon tax on steel, aluminium, cement imports from 2027

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यूरोपियन यूनियन के बाद अब ब्रिटेन ने भी आयरन, स्‍टील, एल्‍यूमिनियम, सेरामिक्‍स और सीमेंट के आयात पर कार्बन बॉर्डर टैक्‍स लगाने की घोषणा की है. यह टैक्‍स 2027 से लगाया जाएगा. यूरोप और ब्रिटेन के इस फैसले से भारत जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. इसके साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्‍तावित मुक्‍त व्‍यापार समझौते (FTA) की राह में एक नई अड़चन खड़ी होगी. FTA से जुड़े कुछ अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा के लिए अगले महीने दोनों देशों के बीच 14वें दौर की बातचीत प्रस्‍तावित है. लेकिन अब इस नए फैसले के बाद इस बातचीत पर भी आशंका के बादल मंडरा रहे हैं.

ब्रिटेन के वित्‍त मंत्री जेरेमी हंट ने एक बयान में कहा कि लगाया जाने वाला टैक्‍स आयातित वस्‍तुओं के उत्‍पादन में उत्‍सर्जित कार्बन की मात्रा और ब्रिटेन तथा मूल देश में कार्बन की कीमत के बीच अंतर पर निर्भर करेगा. उन्‍होंने कहा कि यह टैक्‍स सुनिश्‍चित करेगा कि, विदेशों से कार्बन गहन उत्‍पादों जैसे स्‍टील और सिरेमिक को ब्रिटेन में उत्‍पादित वस्‍तुओं की कार्बन कीमत के बराबर लाया जा सके. इससे हमें अपने डीकार्बोनाइजेशन के प्रयासों को वैश्विक उत्‍सर्जन में कटौती लाने में मदद मिलेगी.

हंट ने कहा कि उनकी सरकार के इस कदम से ब्रिटेन के उद्योगों को डीकार्बोनाइजेशन में निवेश करने का भरोसा मिलेगा. ब्रिटेन के इस कदम को भारत FTA वार्ता में गैर-टैरिफ‍ बाधा के रूप में चिन्हित कर सकता है. क्‍योंकि भारत पहले ही यूरो‍पीय यूनियन द्वारा शुरू किए गए कार्बन बॉर्डर एडजस्‍टमेंट मैकेनिज्‍म (CBAM) का विरोध कर रहा है. भारत ने द्व‍िपक्षीय स्‍तर के साथ-साथ WTO में भी इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है.

कार्बन टैक्‍स लगने से भारत को अपना निर्यात घटने का डर सता रहा है. भारत के शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इस मुद्दे को सुलझाने की उम्मीद करते हुए कहा है कि सरकार भी आयातित उत्पादों पर समान शुल्क लगाने पर विचार कर रही है. अधिकारियों ने तर्क दिया है कि समान शुल्‍क लगाना विकासशील देशों के भेद करने वाले दृष्टिकोण के खिलाफ है. अधिकार‍ियों ने कहा कि ब्रिटेन का यह कदम डब्ल्यूटीओ नियमों या संयुक्त राष्ट्र ढांचे के अनुरूप नहीं है.

अब उम्मीद की जा रही है कि यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन के नक्शेकदम पर चलते हुए कुछ अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी आने वाले महीनों में इसी तरह के शुल्क लगाने की घोषणा करेंगे.

भारत, ब्रिटेन के बीच वार्ता जनवरी में

भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से संबंधित अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा के लिए अगले महीने 14वें दौर की बातचीत प्रस्‍तावित है. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के अधिकारी एक व्यापक एवं महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत का दौर जारी रखेंगे. जनवरी में 14वें दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी. दोनों देशों के बीच 13वें दौर की बातचीत हाल ही में संपन्न हुई है.

इलेक्ट्रिक वाहनों और व्हिस्की पर आयात शुल्क में छूट देने और पेशेवरों के लिए वीजा संबंधी प्रावधानों पर अब तक गतिरोध बना हुआ है. अब इसमें कार्बन टैक्‍स का भी मुद्दा जुड़ गया है. इसके अलावा दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी बात कर रहे हैं. भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को गति देने के लिए एफटीए पर बातचीत जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वित्त वर्ष में 20.36 अरब डॉलर रहा था.

Published - December 19, 2023, 02:18 IST