अक्सर फाइनेंस प्लानिंग करते वक्त हम लक्ष्यों और उद्देश्यों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं. यहां तक कि जब टैक्स (Tax) सेविंग की बात आती है तो हम इसे एक लक्ष्य के रूप में देखते हैं. निवेश का मुख्य लक्ष्य धन अर्जित करना होना चाहिए. टैक्स सेविंग को एक एक्स्ट्रा लाभ के रूप में देखा जाना चाहिए, जो हमें उन फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स उसे हासिल होता है जिनमें हम निवेश करते हैं, और इसे अपने आप में एक प्राथमिक लक्ष्य के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
· बीमा प्रीमियम, मेडिकल बीमा, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान, और होम लोन रि-पेमेंट, जैसी अन्य चीजों के जरिए पहले से हासिल की गई टैक्स बचत का आंकलन करें
· इस राशि को 1.50 लाख रुपए से घटाएं, शेष राशि तो निवेश मानें
· अब, कर बचाने वाले निवेशों के जरिए आप अपने लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है. ये धन संचय करने में आपकी सहायता करेंगे. उदाहरण के लिए, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) फंड्स सेक्शन 80सी के तहत सबसे लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि उनका लॉक-इन टाइम कम है और अन्य सेक्शन 80सी निवेशों की तुलना में अधिक औसत रिटर्न है. पुरानी सोच वाले निवेशकों के पीपीएफ सबसे अच्छा विकल्प है
– किसी भी निवेश या टैक्स प्लानिंग में बढ़िया रिटर्न हासिल करने के लिए शुरुआती योजना बेहद जरूरी है. हर कोई बड़ी मेहनत से पैसे कमाता है, इसलिए आपकी छोटी सी गलती भी कमाई का नुकसान कर सकती है. हमें अपने पैसे के लिए ज्यादा मेहनत करनी चाहिए. यह हमारी टैक्स लायबिलिटी को कम करके और समय के साथ हमारे धन को चक्रवृद्धि दर से बढ़ाने और धन संचय पर जोर देना चाहिए
आप अपने रकम का निवेश बाद में करने के बजाय जल्दी शुरू कर सकते हैं. आपकी निवेश रकम की चक्रवृद्धि अवधि लंबी होती है, आप अगले साल मार्च में आखिरी मिनट में हड़बड़ाहट में निवेश करने की बजाए प्लानिंग के साथ निवेश करें ताकि आपको ज्यादा रिटर्न हासिल हो सके.
आखिरी मिनट में जल्दबाजी में निवेश करना बेहद गलत फैसला साबित होता है. निवेशक को ध्यान से तुलना करते हुए सावधानी के साथ निवेश करना चाहिए. एक निवेशक के पास निवेश को पूरी तरह से चुनने का समय नहीं होता है. इस प्रकार, जल्दी निवेश करने का अवसर लागत के अलावा, ईएलएसएस या बीमा पॉलिसियों को चुनते समय अक्सर गलत फैसले हो जाते हैं.
जल्दी शुरुआत करने से आप जनवरी या फरवरी में एकमुश्त बड़ी रकम की जगह सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) से टैक्स सेविंग फंड में छोटी रकम का निवेश कर सकते हैं.
उदाहरण के लिए, यदि आपको 80C के तहत टैक्स लाभ उठाने के लिए 1,50,000 रुपए का निवेश करने की आवश्यकता है, तो आप अगले साल मई से मार्च तक हर महीने 12,000 रुपए का निवेश करके शुरू कर सकते हैं. SIP के साथ नियमित निवेश आपको एक बार में बड़ी राशि देने की बजाए, सैलरी से छोटी छोटी किश्तों में भुगतान कर सकते हैं.