आर्थिक आजादी, अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मायने रखता है. किसी के लिए यह कर्ज से मुक्ति है, तो किसी के लिए, जल्दी रिटायरमेंट. आर्थिक आजादी (Financial Freedom) को पाने के लिए कुछ व्यवहारिक कदम उठाने की जरूरत होती है. ऐसा करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं.
यदि आप बड़ा आर्थिक लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो मितव्यवता को अपना मूल मंत्र बना लीजिए. इससे आप अनावश्यक खर्च से बचेंगे और बचत भी बढ़ेगी. आप चाहें तो अपना पैसा ऐसे उत्पादों में लगा सकते हैं जिनका मूल्य बढ़ता हो. जैसे करिअर, जमीन या सोना वगैरह में निवेश करने से समय के साथ उसका मूल्य बढ़ेगा.
अपने लिए आर्थिक आजादी को परिभाषित करें. इसके लिए लक्ष्य तय करें. इससे आपको इसे पाने के रास्ते भी मिलेंगे. मसलन, यदि आप 30 साल के हैं और रिटायरमेंट के समय आपको 5 करोड़ रुपए की जरूरत है. तो आपको 15 फीसदी तक रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड में प्रति माह 18 हजार रुपए का निवेश करना होगा. साथ ही हर साल निवेश राशि में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करनी होगी.
आपको जीवन की अनिश्चितताओं के प्रति भी जागरुक रहना होगा. इसके लिए आपके पास पर्याप्त बचत होनी चाहिए. इसके लिए आपको इमरजेंसी फंड की आवश्यकता होगी. कई लोग अपनी 3 से 6 महीने के वेतन बतौर एफडी रखते हैं, ताकि जरूरत होने पर इसका उपयोग किया जा सके.
बीमा होना बहुत जरूरी है. इससे आपके पैसों की सुरक्षा होगी, साथ ही आपका परिवार भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा. शुरू में अपनी सालाना आय के बराबर का कवरेज लें. जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ-साथ टर्म इंश्योरेंस खरीदें. यह आपकी सालाना आय का 10 से 20 गुना होना चाहिए. साथ ही अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस भी रखें.
आपका करिअर अहम है, इसी से आप अपने लक्ष्यों तक पहुंच पाएंगे. अपने काम में बेहतर बनें. विकल्पों का भी ध्यान रखें. आमदनी के विभिन्न स्रोत तैयार करें. मसलन, ऐसी कोई हॉबी रखें, जिससे आर्थिक फायदा हो, या किताब लिखें जिससे रॉयल्टी मिलती हो. ऐसे शेयर जिन पर अच्छा लाभांश मिलता हो.
कर्ज मुक्त रहे बिना आर्थिक आजादी प्राप्त नहीं की जा सकती. सबसे पहले ऊंची लागत वाले कर्ज को चुकाएं. जैसे होम लोन होने पर बीच-बीच में रि-पे करते रहें. ताकि ब्याज बचाया जा सके. क्रेडिट कार्ड वगैरह का भुगतान समय पर करें.
अंतिम बात, जितन जल्दी हो सके, अपने लिए लिए मकान तैयार करें. सिर पर छत रहने से आर्थिक आजादी और भी सुखदायक हो जाती है.
(लेखक BankBazaar.com के सीईओ हैं. ये विचार व्यक्तिगत हैं.)