सारी दुनिया दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर परेशान है. कई देशों ने तो कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है. यही एक बड़ा कारण है कि दुनियाभर के देश ऊर्जा के नए स्त्रों को अपना रहे हैं. अब भारत भी जल्द ही उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जहां ग्रीन एनर्जी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. दरअसल दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क ‘भारतीय रेलवे’ अब ग्रीन फ्यूल पर जोर दे रहा रहा है. भारतीय रेल को अब हाइड्रोजन ईंधन से चलाने की तैयारी हो गई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में घोषणा की है. सरकार के इस कदम को जहां एक और ऐतिहासिक माना जा रही है वहीं दूसरी ओर इस ईंधन से कार्बन उत्सर्जन ना के बराबर होगा. रेल मंत्रालय ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है.
सरकार के इस फैसले के बाद भारत उन देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है जहां ग्रीन एनर्जी का उपयोग किया जा रहा है. भारत से पहले जर्मनी और पोलैंड इस दिशा में कदम उठा दिया है. भारत सरकार हाइड्रोजन फ्यूल के लिए तैयारी तेज कर दी है.
भारतीय रेलवे के अधिकारियों की मानें तो दो लोकल ट्रेनों (डेमू) में बदलाव कर हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगेंगे. इन्हें बाद नेरो गेज के इंजन को हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम में बदल दिया जाएगा.
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के तहत हरियाणा में सोनीपत-जींद के 89 किलोमीटर सेक्शन पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल से इसे चलाने का फैसला लिया गया है. इस संबंध में हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित प्रौद्योगिकी फिट करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का फैसला हुआ है.
On a mission mode towards Green Railways, Indian Railways Organisation of Alternative Fuels (IROAF) invite bids for Hydrogen Fuel Cell based Train on Indian Railways Network
The project shall kick off the concept of Hydrogen Mobility in the Countryhttps://t.co/q282nFHWWj pic.twitter.com/ol9Hc6hgfL
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 7, 2021
हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली डेमू ट्रेन से हर साल लगभग 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी. इस बचत के साथ ही पर्यावरण को भी बड़ा फायदा होगा 11.12 किलो टन उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा.