नेशनल ग्रिड ऑपरेटर POSOCO (पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन) ने पांच उत्तरी राज्यों को बिजली की ओवरड्राइंग के लिए लाल झंडी दिखा दी है. यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग पत्रों में, POSOCO ने चेतावनी दी है कि यदि पावर स्टेशन ओवरड्रॉल की वजह से ट्रिप करता है, तो ग्रिड कोलैप्स हो सकती है. बता दें कि 2012 में बिजली की ओवरड्राइंग की वजह से लगभग 48 घंटों के लिए भारत की आधी आबादी प्रभावित हुई थी. ये भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा पावर फेलियर था.
ऐसे में यह देखते हुए कि इन राज्यों के पास अतिरिक्त उत्पादन क्षमता नहीं है, ऑपरेटर ने उन्हें एक्सचेंजों से अतिरिक्त बिजली खरीदने या पीक डिमांड को पूरा करने के लिए कहीं और टाई अप करने की सलाह दी है. पंजाब ग्रिड अनुशासन का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है. ये 150 से 800 MW (मेगावाट) की ओवरड्रॉइंग कर रहा है. हरियाणा की ओवर ड्रॉइंग 475-675 मेगावाट, राजस्थान 300 से 500 मेगावाट है. जम्मू-कश्मीर की ओवर ड्रॉइंग सबसे कम 150-200 मेगावाट है.
नियमों के अनुसार, राज्य उतनी ही बिजली ड्रॉ कर सकते हैं जितनी उन्होंने एडवांस में ग्रिड से बुक की हो. अगर राज्य बिजली का ओवरड्रॉल करते हैं तो उन्हें एडिशनल ट्रांसमिशन चार्ज के रूप में पेनल्टी देनी होती है. इसके बाद रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर ग्रिड स्थिरता बनाए रखने के लिए आपूर्ति को स्नैप करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, लेकिन नकदी की तंगी से जूझ रही राज्य वितरण कंपनियों को हाजिर बाजार से बिजली खरीदने की तुलना में ओवरड्रॉ करना सस्ता लगता है. इससे सवाल उठता है कि नॉर्दर्न लोड डिस्पैच सेंटर इन राज्यों को डिस्कनेक्ट क्यों नहीं कर रहा है.
2012 में जब भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा पावर फेलियर देखा गया था तब उत्तर प्रदेश और पंजाब ने बिजली की ओवरड्रॉइंग की थी. इसने 620 मिलियन से अधिक लोगों (विश्व जनसंख्या का 9%) को प्रभावित किया था.