कोरोना काल में रेहड़ी-पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारियों के सामने जब रोजगार का संकट खड़ा हुआ तो केंद्र सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया. ऐसे कारोबारियों को प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना से राहत मिली. इस योजना के तहत सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले कारोबारियों को अपनी आजीविका दोबारा शुरू करने के लिए आसानी से ऋण मुहैया कराया जा रहा है. ये योजना अपने उद्देश्य में सफल रही है और छोटे दुकानदारों को इससे काफी लाभ पहुंचा है. यूपी के कई छोटे कारोबारियों को इस योजना का लाभ मिला है, जिससे वह दोबारा खड़े हो सके हैं.
छोटे कारोबारियों ने शुरू किया रोजगार
बाराबंकी जिले के राजेश जायसवाल को भी इस योजना के जरिए दोबारा खड़े होने की हिम्मत मिली है. राजेश जायसवाल बताते हैं कि अचानक आए कोरोना संकट ने रोजगार छीन लिया. सब तरफ से निराश हो चुके राजेश को जब पीएम स्व-निधि योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने इस योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर दिया. राजेश को कोरोना संकट काल में पीएम स्व-निधि योजना का सहारा मिला और उनका रोजगार दोबारा शुरू हो गया.
उन्होंने बैंक में फार्म भर कर जमा किया और 10 हजार का लोन मिल गया. अब वह नए सिरे से अपना रोजगार चला रहे हैं.
सिर्फ राजेश ही नहीं बल्कि रीपदम सिंह बताते हैं कि एक रोज नगरपालिका की ओर से स्व-निधि योजना के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने 10 हजार लोन के लिए अप्लाई किया और उन्हें लोन तुरंत मिल गया.
जून, 2020 में पीएम स्व-निधि की हुई शुरुआत
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 जून, 2020 को पीएम स्व-निधि योजना की शुरुआत की थी. योजना का उद्देश्य देशभर के लगभग 50 लाख स्ट्रीट विक्रेताओं को एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी (गैर जमानती) के 10 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है. ऋण का नियमित रूप से भुगतान करने पर प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सहायता और निर्धारित डिजिटल लेनदेन करने पर प्रतिमाह 100 रुपये तक का कैशबैक प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है. इसके अलावा, समय पर या पहले ऋण का भुगतान करने पर विक्रेता अगली बार के लिए अधिक ऋण प्राप्त करने का पात्र बन जाएगा. इस योजना के तहत अब तक 2,278.29 करोड़ रुपये के 23 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं.