BPCL खरीदने की रेस में कई ग्लोबल कंपनियां शामिल, भारत के दिग्गजों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी

बोली प्रक्रिया में दूसरी इच्छुक पार्टियां भी शामिल हो सकती हैं जिन्हें पहले से शामिल बोलीदाताओं में से किसी एक के साथ एक संघ बनाने की इजाजत होगी.

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मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य एपीएसी इकोनॉमिस्ट स्टीव कोचरन ने भारत में इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने के लिए दो तथ्यों को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया.

मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य एपीएसी इकोनॉमिस्ट स्टीव कोचरन ने भारत में इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने के लिए दो तथ्यों को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया.

भारत के निजीकरण की दौड़ में अब वैश्विक तेल कंपनियां (Oil Companies) भी शामिल हो सकती हैं. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक अब विदेशी तेल कंपनियां भी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के अधिग्रहण के लिए बोली लगा सकती हैं. भारतीय बिजनेस मैन अनिल अग्रवाल के वेदांत समूह के साथ-साथ दो अमेरिकी कंपनियों अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल (I Squared Capital) ने पिछले साल बीपीसीएल में सरकार की कुल 52.98 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाई थी.

बोली लगाने के लिए स्थापना रिपोर्ट अनिवार्य

बीपीसीएल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि में कहा गया है कि लेनदेन सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता (Asset Valuer) को एक स्थापना रिपोर्ट (inception report) देनी होगी. बोली लगाने वाली कंपनी को बीपीसीएल की जरूरी अनिवार्यताएं पूरी करने के साथ बिक्री-खरीद समझौते को अंतिम रूप देना होगा. रिपोर्ट के मुताबिक यहां एक संघ (consortiums) का गठन किया जा रहा है इसलिए बोलीदाताओं के लिए सुरक्षा मंजूरी को प्रस्तुत करना जरूरी हो सकता है. बोली प्रक्रिया में दूसरी इच्छुक पार्टियां भी शामिल हो सकती हैं जिन्हें पहले से शामिल बोलीदाताओं में से किसी एक के साथ एक संघ बनाने की इजाजत होगी.

कई दिग्गजों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी

भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी के साथ रॉयल डच शेल (Royal Dutch Shell), बीपी (BP) और एक्सॉन (Exxon) जैसी बड़ी वैश्विक तेल कंपनियों ने इस बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया. बीपीसीएल की बोली प्रक्रिया की अंतिम तारीख 16 नवंबर 2020 थी. पहले से ऐसी खबरें थी कि मध्य पूर्व के कई बड़े तेल उत्पादकों और रूस के रोस्नेफ्ट (Rosneft) बीपीसीएल में दिलचस्पी रखते हैं लेकिन इन कंपनियों ने भी बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक यह हो सकता है कि वैश्विक तेल कंपनियां या मध्य पूर्व के तेल उत्पादक पहले से बीपीसीएल के निवेश फंड के साथ मिलकर काम कर रहे हों. सूत्र के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अदाणी ग्रुप के इस दौड़ में शामिल होने की संभावना नहीं है.

रिपोर्ट के मुताबिक परिसंपत्ति मूल्यांकन रिपोर्ट (asset valuation report) और व्यवसाय मूल्यांकन रिपोर्ट को क्रमशः परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता और लेनदेन सलाहकार द्वारा प्रस्तुत करने के बाद बोली लगाने वालों को बुलाया जाएगा. उसके बाद आरक्षित मूल्य तय किया जाएगा फिर मूल्य बोलियां खोली जाएंगी. मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत आवश्यक खुली पेशकशों (Open offers) का पालन किया जाएगा.

Published - August 27, 2021, 05:16 IST