देश में टैलेंट की मांग बढ़ने के बीच इस साल IT कंपनियां कई नॉन-इंजीनियरिंग ग्रैजुएट्स की भर्तियां करने वाली हैं. गणित, विज्ञान के विषयों में ग्रैजुएट हुए लोग और MCA पास वालों की मांग बढ़ने वाली है. IT कंपनियां हर साल आमतौर पर पांच प्रतिशत भर्तियां नॉन-इंजीनियरिंग वालों की करती हैं. इस साल यह आंकड़ा 10 फीसदी तक जा सकता है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़नी शुरू की है. जितनी अधिक नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वालों की मांग बढ़ेगी, उतने मजबूत अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलेंगे.
देश की IT इंडस्ट्री की सभी बड़ी फर्में इस साल भर्तियों को लेकर सक्रीय हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि 1.6-2 लाख हायरिंग होंगी. इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी वह क्षेत्र है, जिसे महामारी के कारण असल में लाभ मिला है. लगभग हर तरह की कंपनियों को रिमोट वर्किंग और सेलिंग के चलते काम करने के तौर-तरीकों में बदलाव करना पड़ा है. तकनीक पर सबकी निर्भरता बढ़ी है.
काम बढ़ने से बड़ी कंपनियों का एट्रिशन रेट भी बढ़ा है. देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS में 5.2 लाख एंप्लॉयी काम करते हैं. अप्रैल-जून तिमाही में इसका एट्रिशन रेट 11.6 प्रतिशत पर था. यह सितंबर तिमाही में बढ़कर 8.6 पर्सेंट हो गया.
IT सैलरी बिल की विकास दर पिछले वित्त वर्ष की चारों तिमाहियों में 7.3%, 5.5%, 6.8% और 8.6% थी. वित्त वर्ष 2022 की जून तिमाही में वेज बिल बढ़कर 16.4 प्रतिशत पहुंच गया. महामारी के दौरान ज्यादा से ज्यादा विदेशी इंडस्ट्रीज में इनकी सर्विस हायर होने से सेक्टर में तेजी आई है.
जितने अधिक नॉन-इंजीनियरिंग ग्रैजुएट IT क्षेत्र में हायर होंगे, उतने ही इन कोर्स में जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए मौके बढ़ेंगे. पिछले कुछ वर्षों से जनरल साइंस में ग्रैजुएट होने वालों को नौकरी मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. अब TCS, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां अगर इनकी बड़ी संख्या में भर्ती करेंगी, तो इंडस्ट्री में इनके टैलेंट को जगह मिलेगी.