NIRF Ranking 2021: जानिए कैसे होती है देश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी की रैंकिंग

साल 2016 में, संस्थानों को केवल चार कैटेगरी में स्थान दिया गया था जो 2019 में बढ़कर 9 हो गई, और इस साल कुल 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी गई है.

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9 सितंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की है. PC: Pixabay

9 सितंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की है. PC: Pixabay

आपने अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि ‘ये कॉलेज बेस्ट’… या यह एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप पर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कॉलेज और यूनिवर्सिटी की रैंकिंग कैसे होती ? या कोई भी बिना उस कॉलेज में पढ़े हुए कैसे बता सकता है कि वह अच्छा है नहीं? दरअसल, इसके लिए हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) कॉलेज की रैंकिंग जारी करती है. 9 सितंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की है. कोरोना के चलते रैंकिग का कार्यक्रम ऑनलाइन रहा. इसबार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास को ओवरऑल कैटेगरी में पहला स्थान मिला है.

क्‍या है एनआईआरएफ?

दरअसल, हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) देश की सभी टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों को उनके परफॉर्मेंस के आधार पर रैंकिंग देता है. इसमें देशभर की यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ अन्य कई पैरामीटर पर मापा जाता है. शैक्षणिक संस्थानों को रैंकिंग देने की शुरुआत 29 सितंबर 2015 से की गई थी और 4 अप्रैल 2016 को रिसर्च के बाद कॉलेजों की पहली लिस्ट जारी की गई. तब से ही एचआरडी मंत्रालय ये रैंकिंग जारी की जाती है.

किस आधार पर और किन कैटेगरी में होती है रैंकिंग?

दरअसल, एनआईआरएफ किसी भी संस्‍थान को रैंकिंग जारी करने के लिए 5 पैरामीटर पर मापता है. इसमें टीचिंग एंड लर्निंग, पर्सेप्शन, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, आउटरीच एंड इंक्लुसीवीटी और ग्रेजुएशन आउटकम शामिल है. इन पांच पैरामीटर्स में सभी में 2 से 5 सब पैरामीटर्स भी शामिल होते हैं. इन पांच पैरामीटर्स के कुल अंकों को जोड़ा जाता है कर उस आधार पर रैंक दी जाती है. इन पैरामीटर्स के अलावा रिसर्च इंस्टिट्यूट के लिए दो और सब-पैरामीटर्स के आधार पर रैंकिंग होती है- इसमें जर्नल साइटेशन रिपोर्ट के पहले क्वार्टाइल में जर्नल में पब्लिश रिसर्च पेपर और H इंडेक्स शामिल होता है.
वहीं कैटेगरी की अगर बात करें तो, शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, एनआईआरएफ के द्वारा जो रैंकिंग जारी की जाती है उसमें एजुकेशनल इंस्टीटूशन को 11 कैटेगरी में रैंक किया जाता है. इसमें यूनिवर्सिटीज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर, रिसर्च और एआरआईआईए को शामिल किया जाता है.

साल-दर-साल बढ़ रही है भाग लेने वालों की संख्या

दरअसल, साल दर साल एनआईआरएफ रैंकिंग में भाग लेने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ रही है. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुल 4,030 यूनिक संस्थानों ने इंडिया रैंकिंग 2021 के लिए “ओवरऑल”, केटेगरी स्पेसिफिक और डोमेन स्पेसिफिक रैंकिंग के तहत दावा पेश किया था. इस बार कुल मिलाकर, 6,272 आवेदन इन 4,030 विशिष्ट आवेदक संस्थानों द्वारा अलग-अलग श्रेणियों के तहत मिले थे.
बता दें, 2016 में ये संख्या 2,426 थी, जो 2021 में बढ़कर 4,030 हो गई है, जबकि विभिन्न श्रेणियों में रैंकिंग के लिए आवेदनों की कुल संख्या 2016 में 3,565 थी और 2021 में ये बढ़कर 6,272 हो गई है. विशिष्ट संस्थानों में कुल 1604 यानि 66% वृद्धि हुई है और कुल आवेदकों में 2707 यानि 76% की कुल वृद्धि दर्ज की गई है.

इसके साथ इस बार कैटेगरीज को भी बढ़ाया गया है. साल 2016 में, संस्थानों को केवल चार कैटेगरी में स्थान दिया गया था जो 2019 में बढ़कर 9 हो गई, और इस साल कुल 11 कैटेगरी में रैंकिंग दी गई है.

ये हैं ओवरऑल कैटेगरी में देश के बेस्ट संस्थान

इस साल की ओवरऑल कैटेगरी में देश के 10 बेस्ट संस्थानों में आईआईटी मद्रास, आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी गुवाहाटी, जेएनयू और बीएचयू शामिल हैं.

Published - September 11, 2021, 01:42 IST