आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) अब विद्यार्थियों को आयुष के क्षेत्र में उनका करियर संवारने की राह तलाश रहा है. इस दिशा में शुरुआत करने के लिए मंत्रालय (Ministry of AYUSH) एक सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. यह सम्मेलन 10 सितंबर को असम के गुवाहाटी में होगा. केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और आयुष संस्थानों एवं अनुसंधान संगठनों के संबंधित प्रमुख इस सम्मेलन के दौरान छात्रों के साथ सीधे संवाद करेंगे.
‘आयुष प्रणालियों में विविध और संतोषप्रद करियर- पूर्वोत्तर राज्यों में शिक्षा, उद्यमिता एवं रोजगार पर फोकस’ (‘Diverse and Fulfilling Career Paths in Ayush Systems-Education, Entrepreneurship & Employment Focus on North-Eastern States’) नामक थीम पर सम्मेलन होगा. आयुष मंत्रालय द्वारा पहली बार ऐसा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें विद्यार्थियों एवं उनके करियर के विभिन्न विकल्पों और इस क्षेत्र में स्टार्टअप की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
शुक्रवार को आयोजित होने वाले सम्मेलन में आयुष प्रणालियों में विविध और संतोषप्रद करियर की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी और इस दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में शिक्षा, उद्यमिता एवं रोजगार पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस सम्मेलन के दौरान आयुष की सभी विधाओं यथा आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सोवा-रिग्पा, सिद्ध, योग और प्राकृतिक चिकित्सा में शिक्षा एवं करियर के अवसरों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी.
ये विशेषज्ञ उद्योग जगत के नजरिए पर भी गौर करेंगे एवं इस पर चर्चा करेंगे और इसके साथ ही युवा प्रोफेशनलों द्वारा अपना व्यवसाय शुरू करने एवं स्टार्टअप स्थापित करने की संभावनाओं के बारे में बात करेंगे.
बता दें कि इससे पहले अगस्त में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के आयुष और स्वास्थ्य मंत्रियों ने आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित किए गए एक सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रचार-प्रसार पर व्यापक चर्चाएं हुई थीं.
बताना चाहेंगे कि आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) को 9 नवंबर 2014 को, हमारे प्राचीन चिकित्सा पद्धति के गहन ज्ञान को पुनर्जीवित करने और स्वास्थ्य के आयुष प्रणालियों के इष्टतम विकास और प्रसार को सुनिश्चित करने की दृष्टि से शुरू किया गया था. एक पूर्ण मंत्रालय के रूप में, यह एक वैज्ञानिक तर्क के साथ इन पारंपरिक प्रणालियों के विकास के प्रति एन डी ए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
इससे पहले 1995 में भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी विभाग (ISM&H) का गठन इन सभी पद्यतियों के विकास के लिए किया गया, फिर इसे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में शिक्षा और अनुसंधान पर ध्यान देने के साथ नवंबर 2003 में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) विभाग के रूप में नामित किया गया था.