भारतीय रेलवे भारत की सबसे शानदार और विश्वसनीय परिवहन व्यवस्था में शामिल है, जो सुविधा के साथ-साथ भरोसा भी देती है. यही भरोसा रेलवे अभी भी कायम कर रही है. पहले लॉकडाउन की शुरुआत से चल रही “दूध दुरंतो” (Doodh Duronto) विशेष ट्रेनों के पहिये अभी भी लगातार चल रहे हैं. इसी कड़ी में दूध दुरंतो से आंध्र प्रदेश के रेनीगुंटा से राष्ट्रीय राजधानी के लिए दूध की आपूर्ति 10 करोड़ लीटर के आंकड़े को पार कर गई है. 26 मार्च, 2020 को शुरुआत के बाद से, इन विशेष ट्रेनों का संचालन दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा निर्बाध रूप से किया जा रहा है और अभी तक 443 फेरों के माध्यम से दूध के 2,502 टैंकरों की आपूर्ति की गई है.
रेनीगुंटा से नई दिल्ली के लिए रेल के द्वारा दूध की आपूर्ति काफी महत्वपूर्ण है और देश की बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए अहम है. कोविड-19 से पहले, नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की दूध की जरूरतों को पूरा करने के लिए साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेनों से दूध के टैंकर जोड़े जा रहे थे.
जब देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया था, तो इस उद्देश्य से दक्षिण मध्य रेलवे ने विशेष रूप से दूध के टैंकरों के लिए “दूध दुरंतो” विशेष ट्रेनों के संचालन की अनूठी पहल की थी.
जोन रेनीगुंटा से हजरत निजामुद्दीन स्टेशन की 2,300 किलोमीटर की दूरी 30 घंटों के उपयुक्त समय में तय करते हुए मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के अनुरूप इन ट्रेनों का परिचालन कर रहा है. दूध दुरंतो विशेष ट्रेनें आम तौर पर दूध के 6 टैंकर लेकर चलती हैं, हर एक टैंकर की क्षमता 40,000 लीटर होती है और इस प्रकार एक ट्रेन की कुल क्षमता 2.40 लाख लीटर होती है. अभी तक इन विशेष ट्रेनों ने 443 फेरों में दूध के 2,502 टैंकरों से 10 करोड़ लीटर से ज्यादा दूध की आपूर्ति की है.
Transportation of Milk through “Doodh Duronto” special trains from Renigunta of Andhra Pradesh to the National Capital has crossed ten crore litres mark. https://t.co/7wO9gHgHxZ pic.twitter.com/4HohMsV3J9
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 11, 2021
गुंटकल डिवीजन के अधिकारी माल भेजने वाले ग्राहकों के साथ संपर्क में हैं, जो दूध के लदान की पेशकश कर रहे हैं और उनकी आवश्यकताओं को समझते रहे हैं जिससे कि ट्रेनों के परिचालन में कोई बाधा न आए. इस अनूठी पहल की शुरुआत के बाद से, कोविड के सबसे खराब दौर में भी इन ट्रेनों का संचालन निरंतर जारी रहा है और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को संतुलित रखने के लिए आगे भी जारी रखा जा रहा है. गौरतलब हो कि रेलवे की इस पहल से दुग्ध किसानों को भी लाभ मिल रहा है और उनका उत्पाद सही समय पर सही जगह पहुंचाया जा रहा है.