भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए MeitY का 1,000 दिनों का एजेंडा

नए एजेंडे के अनुसार, महत्व के अन्य क्षेत्रों में तकनीक, सोशल मीडिया और साइबरस्पेस को नियंत्रित करने वाले कानून को 'सरल और विश्व स्तरीय' बनाना है.

Indian economy is coming back on track, industrial production reached the level before Covid

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी को बताते हुए कहा गया है कि भारत का व्यापारिक आयात सितंबर में 56.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऐतिहासिक मासिक उच्च स्तर को छू गया है, जबकि महीने के दौरान आयात में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खासकर सोना, वनस्पति तेल और इलेक्ट्रॉनिक सामान में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने अगले कुछ वर्षों में भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हुए 1,000 दिनों का एजेंडा तैयार किया है. इसके जरिए भारत को दुनिया में सबसे बड़ा कनेक्टेड राष्ट्र बनाना, डिजिटल गवर्नेंस में स्पष्टता लाना, प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियमों और कानूनों को सरल बनाना और भारत के उच्च तकनीक कौशल के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की योजना है.

ईटी ने एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा, ‘हमारी प्राथमिकता कनेक्टिविटी है – हम भारत को दुनिया में सबसे बड़ा कनेक्टेड देश बनाना चाहते हैं; दूसरा मुद्दा डिजिटल गवर्नमेंट का है, सभी (सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों) के पास ऐप और वेबसाइट हैं, लेकिन भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें सुसंगत बनाना महत्वपूर्ण है.’ अधिकारी ने कहा कि योजना इस बात पर केंद्रित है कि डिजिटल इकोनॉमी पीस का विस्तार कैसे किया जाए? नए एजेंडे के अनुसार, महत्व के अन्य क्षेत्रों में तकनीक, सोशल मीडिया और साइबरस्पेस को नियंत्रित करने वाले कानून को ‘सरल और विश्व स्तरीय’ बनाना है.

क्या कहा अधिकारी ने?

अधिकारी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भारत में इंटरनेट ओपन, ट्रस्टेड, सेफ और अकाउंटेबल हो और न्यूनतम सरकारी इंटरफेस के साथ हो. हाई-टेक एरिया और स्किल डेवलपमेंट अन्य फोकस एरिया हैं. आइडेंटिफाई किए गए क्षेत्रों में एआई, साइबर सुरक्षा, सुपर कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, ब्लॉकचैन और क्वांटम कंप्यूटिंग शामिल हैं. अधिकारी ने कहा, ‘हमारा फोकस बहुत स्पष्ट है. हम उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां हम एक राष्ट्र के रूप में अच्छे हैं और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होंगे, इसलिए हम उन क्षेत्रों को चुनेंगे और उन पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

कौशल और प्रतिभा विकास भी फोकस एरिया

अधिकारी ने कहा, कौशल और प्रतिभा विकास एक अन्य प्रमुख फोकस एरिया होगा क्योंकि कोविड-19 के बाद कंपनियों के डिजिटलीकरण के प्रयास बढ़ गए हैं. इससे प्रतिभा की आवश्यकता में वृद्धि हुई है.’ इंडिया मार्केट स्ट्रैटेजी शीर्षक वाली क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय आईटी कंपनियों के राजस्व में तेज वृद्धि देखी गई है. वहीं रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इंडस्ट्री के वेज बिल में 13 बिलियन डॉलर की वृद्धि होगी. सरकार के एजेंडे के अनुसार, इसका लक्ष्य 3 वर्षों में 1 करोड़ कुशल आईटी जनशक्ति तैयार करना है.

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर्स पर भी फोकस

अधिकारी ने यह भी कहा कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरर और हाई वैल्यू एडेड प्रोडक्ट को प्राप्त करना भी एक प्रमुख फोकस एरिया है. अनुमान के अनुसार, 2021 के अंत तक, घरेलू सेमीकंडक्टर की 65% से अधिक मांग स्मार्टफोन से होगी, जबकि 68% आठ श्रेणियों से होगी, जिसमें इंजन कंट्रोल यूनिट, एलईडी लाइटिंग, नोटबुक, GPON (फाइबर ऑप्टिक्स), सीसीटीवी, स्मार्ट एनर्जी मीटर और एफपीडी टीवी शामिल हैं. चिप्स की वर्तमान वैश्विक कमी, ने ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई उद्योगों को प्रभावित किया है. इसने भी भारत के लिए अपनी अर्धचालक निर्माण योजनाओं को तेजी से काम करने के लिए फोकस बढ़ाया है.

Published - September 24, 2021, 03:39 IST