गर्मियों के सीजन में पैदा होने वाली फसलों को लेकर इस बात स्थिति थोड़ी चिंताजनक है. मॉनसून की बारिश कम होने का असर फसलों की बुआई पर दिखाई दे रहा है. दरअसल, खरीफ फसलों की बुआई में सुस्ती बनी हुई है और पिछले साल के मुकाबले बुआई का रकबा इस दफा अभी तक कम है. कृषि मंत्रालय के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, क्रॉप ईयर 2021-22 (जुलाई से जून) में खरीफ सीजन की बुआई का रकबा 1.55 फीसदी घटकर 1,043.87 लाख हेक्टेयर पर है. खासतौर पर धान जैसी फसलों का बुआई रकबा कम लेवल पर है.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि खरीफ फसलों की बुआई का का काम अभी भी जारी है और ये अगस्त के अंत तक जारी रह सकता है. पिछले साल इसी अवधि में किसानों ने 1,060.37 लाख हेक्टेयर जमीन पर गर्मियों यानी खरीफ फसलों की बुआई की थी.
मंत्रालय ने कहा है कि खरीफ फसलों की बुआई का काम मॉनसून के आने के साथ ही जून में शुरू हो जाता है. मंत्रालय ने कहा है कि इस बार 1 जून से 20 अगस्त के दौरान मॉनसून की बारिश कम हुई है.
हालांकि, देश के 130 जलाशयों (रिजरवॉयर्स) में पिछले साल के स्तर के मुकाबले इस बार 96 फीसदी स्टोरेज है. जबकि गुजरे 10 वर्षों के हिसाब से इस बार जलाशयों में पानी का स्तर 99 फीसदी है.
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि कई राज्यों में मॉनसून की बारिश जारी है और ऐसे में फसलों की बुआई का काम अभी भी हो रहा है.
कृषि मंत्रालय ने कहा है कि ज्यादातर राज्यों ने केंद्र सरकार को बताया है कि खरीफ फसलों की बुआई और खासतौर पर धान, उड़द, मूंग और तिलहनों की बुआई का काम अगस्त के अंत तक जारी रहेगा.