भारत में टेलीफोन ग्राहकों की संख्या जून 2021 के अंत में बढ़कर 120.2 करोड़ हो गई, जो मासिक वृद्धि दर 0.34 प्रतिशत है.
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने नकदी की तंगी से जूझ रही वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) में अपनी हिस्सेदारी सरकार या किसी अन्य इकाई को देने की पेशकश की है, जिसे सरकारyf दूरसंचार ऑपरेटर को चालू रखने के योग्य मान सकती है. कथित तौर पर 7 जून को एक पत्र में बिड़ला ने, जिनके पास संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनी में 27% हिस्सेदारी है, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को यह प्रस्ताव दिया था.
बिड़ला ने गाबा को लिखे पत्र में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR), स्पेक्ट्रम की बकाया राशि पर पर्याप्त मोराटोरियम जैसे मुद्दों पर स्थिति को स्पष्ट करने का निवेदन किया था. उन्होंने पत्र में कहा कि अगर सरकार की मदद नहीं मिली, तो Vi का कारोबार पूरी तरह बर्बाद होने की कगार पर पहुंच जाएगा. बिड़ला ने कहा कि निवेशक भी इन मुद्दों पर जानकारी मांग रहे हैं.
पत्र में बिड़ला ने कहा कि कंपनी के करीब 27 करोड़ ग्राहकों के प्रति जिम्मेदारी के कारण वह किसी सरकारी कंपनी या देश की किसी फाइनेंशियल कंपनी को अपनी हिस्सेदारी सौंपने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से भेजे गए AGR से जुड़ी बकाया राशि की दोबारा गणना करने के आवेदन को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल टेलीकॉम कंपनियों को इस बकाया राशि का भुगतान करने के लिए 10 साल का समय दिया था. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों पर करीब 93,520 करोड़ रुपये बकाया हैं.
वीआईएल पर 58,254 करोड़ रुपये की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) देनदारी थी, जिसमें से कंपनी ने 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और 50,399.63 करोड़ रुपये बकाया है. VIL और भारती एयरटेल ने सरकारी गणना में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.