हाई वैल्यूएशन के चलते विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार से हुआ मोह भंग: UBS

विदेशी ब्रोकरेज फर्म यूबीएस एजी ने ईटी से कहा कि पिछले सप्ताह में जिस तरह से भारतीय बाजारों में तेजी का माहौल रहा, उससे विदेशी निवेशक दूरी बनाए हुए है

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यूबीएस ने कहा कि भारत और ताइवान दोनों में खुदरा निवेशकों ने बाजार में अच्छी भूमिका नहीं निभाई है, दोनों के स्कोरकार्ड एक जैसे दिखते हैं. PC: Pexels

यूबीएस ने कहा कि भारत और ताइवान दोनों में खुदरा निवेशकों ने बाजार में अच्छी भूमिका नहीं निभाई है, दोनों के स्कोरकार्ड एक जैसे दिखते हैं. PC: Pexels

भारतीय बाजार में सात दिनों तक रही एकतरफा तेजी और उसके बाद बड़ी गिरावट निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर रही है. इस तरह की तेजी-मंदी से निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों के महंगे वैल्यूएशन को लेकर सतर्क हैं, लेकिन घरेलू निवेशक अब भी बाजार में निवेश कर रहे हैं.

विदेशी ब्रोकरेज फर्म यूबीएस एजी ने ईटी से कहा कि पिछले सप्ताह में जिस तरह से भारतीय बाजारों में तेजी का माहौल रहा, उससे विदेशी निवेशक दूरी बनाए हुए हैं. दरअसल भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और आय की गति धीमी हो गई है, इसके कारण भारतीय बाजार अनाकर्षक बने हुए हैं.

यूबीएस का कहना है कि भारतीय बाज़ार वैल्यूएशन के लिहाज से महंगे हैं और कमाई में भी कमी देखी जा रही है. इस साल भारत में आर्थिक सुधार की गुंजाइश कम नजर आ रही है और हमारे घरेलू शेयरों ने पहले ही इंडोनेशिया जैसे बाज़ारों में 31% की दर से बेहतर प्रदर्शन किया है.

एमएससीआई इंडिया इंडेक्स जिसने पिछले तीन महीनों में 17% से अधिक की वृद्धि की और 18 अक्टूबर को एक सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. इस अवधि के दौरान एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में 1.3% की गिरावट आई, जबकि एमएससीआई वर्ल्ड इंडेक्स में केवल 4.4% की वृद्धि हुई.

घरेलू निवेशकों की बाजार में भूमिका बेहतर

यूबीएस ने कहा कि भारत और ताइवान दोनों में खुदरा निवेशकों ने बाजार में अच्छी भूमिका नहीं निभाई है, दोनों के स्कोरकार्ड एक जैसे दिखते हैं. भारत का बेंचमार्क निफ्टी वर्तमान में पिछले 12 महीनों की कमाई के 24.80 गुना पर कारोबार कर रहा है, जबकि पिछले पांच साल का इसका औसत 20.38 गुना और पिछले 10 साल का औसत 18.54 गुना है. वहीं, सोमवार को निफ्टी में 1.3% की गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने पिछले दो दिनों में अपने रिकॉर्ड 4% से अधिक की गिरावट दर्ज की है.

भारत, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान सबसे कम पसंदीदा बाजार

आसियान देशों के बाजार के मुकाबले महंगे मूल्यांकन के कारण भारतीय बाज़ार का ये हाल है. यूबीएस ने अपने एशिया पैसिफिक स्ट्रैटेजी नोट में चीनी शेयरों को ‘डबल अपग्रेड’ कर ओवरवेट कर दिया है. वहीं यूबीएस ने ताइवान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत को भी कम रेटिंग प्रदान की है. यूबीएस ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान सबसे कम पसंदीदा बाजार हैं, जबकि चीन, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस सबसे आकर्षक हैं. रूस और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत इस साल अब तक तीसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है.

Published - October 21, 2021, 02:44 IST