किसी भी कल्याणकारी राज्य में योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना सरकार का काम है. लेकिन उन पर अमल करते हुए उसे सफलता की ओर ले जाना निश्चित ही वहां के नागरिकों के श्रम, उनकी प्लानिंग और अपने लक्ष्य के लिए सतत उसकी पूर्ति में लगे रहने पर निर्भर करता है. भारत के लिए यह अच्छी खबर है कि वह ”वैश्विक नवाचारों” में अपनी रैंकिंग निरंतर सुधार रहा है और जो भारत अभी पांच साल पहले तक 81 वें स्थान पर था, वह तेजी से सुधारों पर अमल करते हुए 46वें स्थान पर आ पहुंचा है.
जनसंख्या में छोटे और क्षेत्रफल एवं संसाधन में बड़े देशों का भारत से आगे रहना स्वाभाविक है. इसके बाद भी यदि देश हर क्षेत्र में लगातार सुधार करते हुए आगे बढ़ता दिख रहा है, तो यह मान लेना चाहिए कि भारतीयों में निरंतर आगे बढ़ने की ललक पैदा हो गई है. संसाधनों के अभाव में सतत भारतीय जन विकल्पों की तलाश कर रहा है. नवाचारों का स्वागत कर रहा है और सहज ही उन्हें अपना भी रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जिन योजनाओं को लागू किया था, उनका तेजी से असर दूसरे कार्यकाल में दिख रहा है. वैश्विक बाजार में भारतीयों के नए-नए प्रयोगों और कार्य योजना में कहीं अर्थ की कमी बाधा ना बने, इसके लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना, मुद्रा योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसे तमाम सकारात्मक प्रयासों का जिक्र यहां किया जा सकता है.
इनके कारण भारत आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहा है. दुनियाभर के देश यहां की श्रम शक्ति और मेधा पर विश्वास करते हुए आगे बढ़कर निवेश कर रहे हैं. इसके साथ आज दुनिया के कई देशों में भारतवंशी अपने दिमाग का लोहा मनवाने में भी सफल हो रहे हैं.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 रैंकिंग के संदर्भ में विस्तृत बात करें, तो एक वर्ष में भारत दो स्थान ऊपर आया है. पिछले कई वर्षों से देश वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) की रैंकिंग में लगातार सुधार कर रहा है. विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप ईकोसिस्टम और सार्वजनिक तथा निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए अद्भुत काम के कारण ऐसा हुआ है.
देश में परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अंतरिक्ष विभाग जैसे वैज्ञानिक विभागों ने राष्ट्रीय नवाचार ईकोसिस्टम को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कोविड महामारी के कारण पैदा हुए अभूतपूर्व संकट के खिलाफ लड़ाई में कुल मिलाकर भारत का नवाचार सबसे आगे रहा है. यह देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है. ऐसे ही अन्य कई क्षेत्र हैं, जिनमें कल तक कोई व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था. लेकिन कोरोना के महासंकट के बीच हम उनमें पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने में सफल रहे हैं.