ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत लगा सकता है लंबी छलांग

स्कैनर लगाने से अब कंटेनरों को किसी व्यक्ति द्वारा खुद जाकर जांचने की प्रक्रिया में कमी आएगी. साथ ही कंटेनरों को जमा रखने का समय भी कम होगा.

business loan, mudra loan, MSME, business, standup india, startup India

टर्म लोन का इस्तेमाल आमतौर पर कैपिटल एक्सपेंडिचर को फाइनेंस करने के लिए किया जाता है. लैंडर तय रकम का एकमुश्त भुगतान करता है

टर्म लोन का इस्तेमाल आमतौर पर कैपिटल एक्सपेंडिचर को फाइनेंस करने के लिए किया जाता है. लैंडर तय रकम का एकमुश्त भुगतान करता है

भारत अब ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (ease of doing business) के लिहाज से एक लंबी छलांग लगा सकता है. दरअसल, आयात-निर्यात व्यापार को बढ़ाने के लक्ष्य से एक मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम (एमएक्ससीएस) को स्थापित किया गया है. यह मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम (एमएक्ससीएस) पारादीप पोर्ट ट्रस्ट द्वारा PICT टर्मिनल के पास लगवाया गया है. इसकी बदौलत भारत यह करिश्मा कर सकता है.

कुल लागत 30 करोड़

दरअसल, यह कंटेनर स्कैनर सिस्टम कंटेनरों को स्कैन करने के काम में आएगा. इस स्कैनिंग सिस्टम की कुल लागत 30 करोड़ रुपए के करीब है. स्कैनर लगाने से अब कंटेनरों को किसी व्यक्ति द्वारा खुद जाकर जांचने की प्रक्रिया में कमी आएगी. साथ ही कंटेनरों को जमा रखने का समय भी कम होगा.

1 घंटे में करेगा 25 कंटेनरों की जांच

मोबाइल एक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम के कामयाब परीक्षण के बाद परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) ने 27 अगस्त को इसके नियमित उपयोग के लिए पारादीप कस्टम्स को लाइसेंस भी जारी कर दिया. इस स्कैनर के द्वारा एक घंटे में करीब 25 कंटेनरों की जांच की जा सकती है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों के तहत अधिक सुरक्षा और बिना किसी अड़चन के कंटेनरों को रवाना किया जा सकता है.

अब यहां आएंगे ज्यादा कंटेनर

इस सुविधा से बिना कटाई किए हुए धातु के स्क्रैप वाले कंटेनरों का आवागमन भी बंदरगाह के जरिए सुविधापूर्वक होने लगेगा, ताकि दूर-दराज के उद्योगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके, जो लंबे समय तक स्क्रैप के आने का इंतजार करते रहते हैं. स्कैनर के इस्तेमाल से उम्मीद की जाती है कि पारादीप बंदरगाह पर ज्यादा से ज्यादा कंटेनर आने लगेंगे.

उल्लेखनीय है कि पारादीप पोर्ट ट्रस्ट निर्यात-आयात व्यापार के लिए साजो-सामान की लागत में कमी लाने का लगातार प्रयास करता रहा है. उसकी यह पहल सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति के अनुरूप भी है.

ये कंपनियां बंदरगाह के संपर्क में

अब आरसीएल, जिम इंटरनेशनल शिपिंग लाइन और श्रेयस शिपिंग जैसी जहाजरानी कंपनियां बंदरगाह से नियमित रूप से संपर्क में हैं. अन्य जहाजरानी कंपनियां भी पोर्ट द्वारा छूट की पेशकश और उन्नत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यहां आने के लिए तैयार होंगी.

Published - September 14, 2021, 04:06 IST