Income Tax Portal: आयकर विभाग ने नए ई-फाइलिंग पोर्टल (Income Tax Portal) को स्टॉक एक्सचेंजों के साथ एकीकृत करने पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. इनकम टैक्स के इस कदम से अधिकारियों को सभी तरह के विकल्पों सहित व्यापार लेनदेन को ट्रैक करने में मदद मिलेगी. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग एकीकृत प्रणाली की मदद से सभी तरह के डेटा के बीच विसंगतियों (discrepancies) को दूर करेगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके स्टॉक एक्सचेंजों से प्राप्त डेटा के साथ इसका मिलान करेगी.
यह आयकर रिटर्न (आईटीआर) के नॉन फिलर्स से संबंधित सभी मामलों का पता लगाने और उन्हें डिटेक्ट करने में मदद करेगी.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसी वित्त वर्ष में इस एकीकरण को पूरा करने का अपना लक्ष्य बनाया है. यह ऐसे समय में आया है जब इक्विटी बाजारों में बढ़ती खुदरा भागीदारी को लेकर चिंताएं ज्यादा हैं.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कैश मार्केट टर्नओवर में व्यक्तिगत खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी साल 2019-20 में 39 फीसद थी जो साल 2020-21 में बढ़कर 45 फीसद हो गई है.
एकीकरण के बाद पोर्टल स्वचालित रूप से संबंधित आईटीआर में रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के साथ, स्थायी खाता संख्या के आधार पर एक्सचेंजों पर कारोबार की तुलना करेगा. जिसके अनुसार टैक्स अधिकारी डेटा की जांच कर आगे की करवाई करेंगे.
अंत में पोर्टल, डिपोजिटरी, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और रजिस्ट्रार के डेटाबेस को इश्यू-एंड-शेयर ट्रांसफर एजेंटों और अन्य बिचौलियों के साथ एकीकृत करेगा.
सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान या वास्तविक समय का आदान-प्रदान या डेटाबेस का पूर्ण एकीकरण जैसे मुद्दों पर इनकम टैक्स विभाग चर्चा कर रहा है.
एक्सचेंजों और अन्य प्रतिभागियों के लिए वित्तीय लेनदेन (एसएफटी) का विवरण दाखिल करने की प्रतीक्षा करने के बजाय इस तरह के एकीकरण से विभाग को वास्तविक समय के आधार पर डेटा मिलान करने में मदद मिलेगी.
एसएफटी एक रिपोर्टिंग प्रणाली है, जिसमें निर्दिष्ट संस्थाओं को टैक्स विभाग को वस्तुओं (material) की वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है.
पहले टैक्स अधिकारी चुनिंदा मामलों में सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मांगते थे.
चूंकि अब पोर्टल के पास बाजार संस्थाओं के सभी प्रकार के डेटा तक पहुंच होगी, इसलिए करदाता यह सत्यापित करेंगे कि क्या लाभ को कम करके आंका गया था. हालांकि नया पोर्टल अपने लॉन्च के बाद से ही कई तकनीकी खामियों से जूझ रहा है.
पिछले महीने इस मुद्दे पर लगातार गड़बड़ियों के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा तलब किए जाने के बाद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव सहित इन्फोसिस के शीर्ष प्रबंधन को सभी समस्याओं को दूर करने के लिए 15 सितंबर तक की समय सीमा दी गई है.