आइसक्रीम पार्लर संचालकों को 18% से ज्यादा देना पड़ रहा GST, सरकार से लगाई गुहार

व्यवसायियों का कहना है कि कोरोना के कारण पहले ही काफी नुकसान हो चुका हैं. ऐसे में सरकार की नई पॉलिसी आइसक्रीम पार्लरों के लिए परेशानी पैदा कर रही है.

Ice cream parlor operators have to pay more than 18 percent GST, appealed to the government

image: pixabay आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय को लेवी पर पुनर्विचार करने के लिए एक पत्र लिखा है.

image: pixabay आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय को लेवी पर पुनर्विचार करने के लिए एक पत्र लिखा है.

कोरोना की दूसरी लहर से आइसक्रीम कारोबार पूरी तरह खत्म हो चुका था. अब थोड़ी राहत मिली थी तो सरकार के एक फैसले ने फिर से आइसक्रीम पॉर्लरों को मुसीबत में डाल दिया. आइसक्रीम पार्लर या आउटलेट से आइसक्रीम खरीदना महंगा हो चुका है. आइसक्रीम की आपूर्ति पर 18% वस्तु और सेवा कर (GST) लगने के बाद हजारों आइसक्रीम पार्लर का व्यवसाय लगभग ठप हो गया है. इनमें से अधिकांश छोटे व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं.

कोरोना के कारण पहले ही हो चुका है काफी नुकसान

आइसक्रीम व्यवसायियों का कहना है कि हम पहले ही कोरोना महामारी के प्रकोप से काफी नुकसान उठा चुके हैं. ऐसे में सरकार की नई पॉलिसी आइसक्रीम पार्लरों के लिए गले की हड्डी बनी हुई है. पिछले डेढ़ साल में कोरोना के कारण कई उद्योग-धंधे बंद हो गए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आइसक्रीम निर्माता 18% से अधिक जीएसटी लेवी को बंद करने के लिए वित्त मंत्रालय तक पहुंच गए हैं.

दिवालिया होने का बढ़ रहा खतरा

व्यापारियों का कहना है कि इतने अधिक टैक्स से वे दिवालिया हो सकते हैं. यदि कर को इस रूप से लगाया जाता है तो देशभर में परिचालन बंद करने के लिए हमें मजबूर होना पड़ेगा. इंडियन आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IICMA-indian ice cream manufacturers association) ने वित्त मंत्रालय को लेवी पर पुनर्विचार करने के लिए एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि हम अनुरोध करते हैं कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) 18% जीएसटी दर के इस फैसले में संशोधन करे.

क्या बोले विशेषज्ञ?

कर निकाय ने इस महीने की शुरुआत में एक सर्कुलर में कहा था कि आइसक्रीम पार्लरों द्वारा बनाई गई आइसक्रीम की आपूर्ति “माल की आपूर्ति” थी और “सेवा” नहीं थी, भले ही आपूर्ति में सेवा के कुछ तत्व हों, इसलिए 18% दर स्लैब के तहत आपूर्ति टैक्‍स के योग्य है. डेलॉइट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एमएस मणि ने कहा, इस स्तर पर कोई भी अतिरिक्त टैक्स उनके मुनाफे को प्रभावित करेगा.

लॉ फर्म खेतान एंड कंपनी के पार्टनर अभिषेक रस्तोगी ने कहा कि रेस्तरां सेवाओं और आइसक्रीम पार्लर सेवाओं को मूल रूप से एक ही दर पर चार्ज किया जाना चाहिए. पहले पार्लर के अंदर बेचे जाने वाली आइसक्रीम पर 5 फीसदी का GST लगता था और बाहर रिटेल बिक्री वाली आइसक्रीम पर 18 फीसदी GST लगता था.

Published - October 27, 2021, 07:36 IST