महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. रोजमर्रा के सामानों की कीमतें रोजाना बढ़ती जा रही है. खाद्य तेल, दूध, ब्रेड के महंगे होने बाद अब साबुन, डिटर्जेंट महंगे हो गए है. बाजार मूल्याकंन के हिसाब से देश की सबसे बड़ी लिस्टेड फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी (FMCG) हिन्दुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Ltd) ने कच्चे माल की लागत में हुई वृद्धि का भार उपभोक्ताओं पर डालने के लिए अगस्त में अपने डिटर्जेंट्स की कीमत में 3.5 प्रतिशत से लेकर 11 प्रतिशत तक की बड़ी बढ़ोतरी की है.
जानकारों का कहना है कि ईंधन महंगा होने से कंपनियों की लागत बढ़ गई है. इसीलिए कंपनियां दाम बढ़ा रही है. आपको बता दें कि लक्स. लक्स साबुन ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर की सहायक कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर का एक लोकप्रिय ब्रांड है. लक्स साबुन, कंपनी के उन प्रोडक्ट्स में से है जिसे भारत के लगभग सभी घरों में इस्तेमाल किया जाता है.
एचयूएल का कौन सा प्रोडक्ट कितना हुआ महंगा
कुछ एफएमसीजी स्टॉकिस्ट और डीलर्स ने बताया कि अधिकांश डिटर्जेंट वैरायटी की कीमत में वृद्धि की गई है, लेकिन सबसे ज्यादा मूल्यवृद्धि हाई-एंड कैटेगरी सर्फ एक्सेल में की गई है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने, एचयूएल ने सर्फ एक्सेल ईजी वॉश 3किग्रा पैक की कीमत 10 प्रतिशत बढ़ाकर 330 रुपये कर दी और इसके एक किग्रा पैक की कीमत 9 प्रतिशत बढ़ाकर 109 रुपये कर दी. इसी प्रकार सर्फ एक्सेल क्विक वॉश 1 किग्रा पैक की कीमत 11 प्रतिशत बए़कर 200 रुपये हो गई है.
सूत्रो के अनुसार रिन डिटर्जेंट पावडर के 1 किग्रा पैक की कीमत 8 प्रतिशत बढ़ाकर कंपनी ने 70 रुपये कर दी है, जबकि व्हील के 1 किग्रा पैक की कीमत 3.5 प्रतिशत बढ़ाकर 57 रुपये कर दी गई है. 50 ग्राम का सर्फ एक्सेल बार की कीमत अब 30 रुपये है, जो कि पहले 29 रुपये थी. विम बार 300 ग्राम की नई कीमत अब 22 रुपये है, जो पहले 20 रुपये में उपलब्ध था. दूसरी और लक्स साबुन और लाइफ ब्वॉय साबुन के दाम 8-12 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
एक अन्य डिटर्जेंट निर्माता ज्योति लैब ने कुछ बाजारों में कीमत बढ़ाई है. कंपनी ने ग्रामीण इलाकों में बेचे जाने वाले सस्ते डिटर्जेंट की कीमतों में भी वृद्धि की है.
जानकारों का कहना है कि अन्य एफएमसीजी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा सकती है. क्योंकि लागत तेजी से बढ़ रही है. साबुन बनाने में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है.
भारत में इंडोनेशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है. भारत अपने कुल आयात का 70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनीशिया से खरीदता है, वहीं 30 फीसदी मलेशिया से खरीदता है. वहीं, तेल के दाम लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. इसीलिए अन्य कंपनियां भी अब दाम बढ़ाने की सोच रही है.