2019 में, नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन (NCEF) ने एक सर्वे किया जिसमें पता चला कि भारत में केवल 27% आबादी ही आर्थिक रूप से साक्षर (financial literacy) थी. जबकि फाइनेंशियल लिटरेसी (financial literacy) सभी के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी देश की आबादी का एक छोटा तबका ही फाइनेंशियल लिटरेट बन सका है.
ज्यादातर लोग फाइनेंस के बारे में सीखने से बचते हैं और इस वजह से वो अपने दम पर फाइनेंशियल डिसीजन नहीं ले पाते हैं. जब फाइनेंस की बात आती है तो वो आम तौर पर मदद के लिए किसी और को ढूंढ़ते हैं जिसे फाइनेंस की समझ हो. इसकी दो वजह हैं, एक, फाइनेंस आसानी से समझने वाला सब्जेक्ट नहीं है और दूसरा, इस विषय में लोगों की दिलचस्पी ज्यादा नहीं है इसलिए वो इस पर अपना समय और ध्यान खर्च करना नहीं चाहते हैं.
आज की जेनरेशन जो केवल OTT लैंग्वेज समझती है उसके लिए पर्सनल फाइनेंस के कॉन्सेप्ट को सरल बनाने के लिए, मनीफ्लिक्स (बीएनपी परिबास द्वारा शेयरखान का एक वेंचर), अपनी तरह का पहला फाइनेंशियल मूवी प्लेटफॉर्म लेकर आया है. स्टोरीटेलिंग के जरिए फाइनेंस को सरलता से समझाने की कोशिश कर .
मनीफ्लिक्स के हेड राहुल घोष के अनुसार, “इस प्लेटफॉर्म के बारे में सोचते समय, हमने महसूस किया और समझा कि सीखने की पूरी प्रक्रिया के तीन पार्ट हैं. एक एक्चुएल कॉन्टेंट है, दूसरा कैसे और किस तरह से कॉन्टेंट को डिलीवर किया जाए, और तीसरा है क्या किया जाए जिससे सुनिश्चित हो सके की यूजर्स उसका बेहतर इस्तेमाल करें. मनीफ्लिक्स में, हमने यह सुनिश्चित किया कि हम इसके तीन भागों पर फोकस करेंगे और अपना बेस्ट रिजल्ट देंगे”
मनीफ्लिक्स फाइनेंस से जुड़ी सभी चीजों को केटर करता है. इसके प्लेटफॉर्म पर फाइनेंशियल मूवीज हैं जो क्रेडिट स्कोर, रिटायरमेंट, वसीयत और क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी देती हैं. साथ ही फाइनेंशियल मार्केट, डिफरेंट इनवेस्टमेंट एवेन्यू, स्टॉक से संबंधित और टेक्निकल एनालिसिस पर बड़ी मात्रा में कॉन्टेंट भी उपलब्ध है.
मनीफ्लिक्स का जन्म पिछले साल महामारी के दौरान हुआ. प्लेटफॉर्म के लॉन्च के केवल 10 महीनों में ही इसके 1,50,000 से अधिक ऐप डाउनलोड किए और 22,000 से अधिक यूजर्स ने पोर्टल विजिट किया.
“हमारे पास एक निःशुल्क सेक्शन है जहां लर्नर्स 5 से 10 मिनट की ड्यूरेशन की शॉर्ट फिल्मों की एक वाइड रेंज देख सकते हैं. हम इस सेक्शन में हर हफ्ते 2-3 शॉर्ट फिल्में जोड़ते हैं. हमारे पास प्रीमियम फिल्मों का भी एक पूरा सेक्शन है, जो फुल लेंथ फिल्में हैं जिनकी ड्यूरेशन 30 से 90 मिनट तक है. इन्हें 10 से 20 मिनट के छोटे एपिसोड में तोड़ा गया है. सभी फाइनेंशियल कॉन्टेंट उसका ड्यूरेशन कितना भी हो पार्ट्स में तोड़ा जाता है”घोष
यदि आप बिगनर हैं, तो मनीफ्लिक्स के पास इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखने से पहले बुनियादी बातों को समझने के लिए और ‘स्टॉक्स की स्कैनिंग’ या ‘RSI या स्टोकेस्टिक इंडीकेटर्स का इस्तेमाल कैसे करें’ पर फिल्में हैं.
वेबसाइट पर प्रत्येक एपिसोड एक पूरी तरह डेवलप फाइनेंशियल फिल्म का हिस्सा है जिसमें एक पूरी कहानी, लाइव अभिनेता और सहायक कलाकार हैं. कठिन शब्दों को समझाने के लिए स्टोरीबोर्ड और एनिमेशन का इस्तेमाल किया जाता है. स्ट्रक्चरल डिजाइनरों की मदद से, यह सुनिश्चित किया जाता है कि कॉन्टेंट क्रोनोलोजिकल ऑर्डर में हो ताकी बिगनर्स को समझने में आसानी हो.
हर दिन लगातार पोर्टल पर आने वाले लोगों के साथ बने रहने के लिए, कंपनी ‘मनीफ्लिक्स बाइट्स’ नाम से एक सीरीज लाई है जो पर्सनल फाइनेंस से जुड़े किसी भी टॉपिक या सब टॉपिक को एक्सप्लेन करती है.
घोष ने जोर देकर कहा, “अपने प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने के लिए हम हर हफ्ते कई फिल्मों या कंटेंट पर काम करते हैं. ‘वर्क फ्रॉम होम’ कल्चर के चलते भी हमारे कॉन्टेंट का कंजप्शन बढ़ा है”
फाइनेंस से जुड़े कॉम्प्लीकेटेड शब्दों को सरल ‘स्नैकेबल’ फोर्मेट में तोड़ने से निश्चित रूप से फाइनेंशियल इन्क्लूजन के रास्ते में आने वाली कई रिकावटें दूर हुई हैं. यदि आप पर्सनल फाइनेंस की दुनिया में गहरी डुबकी लगाना चाहते हैं, तो मनीफ्लिक्स से अपने सफर की शुरुआत करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.