Gold Hallmarking: गोल्ड ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग को लेकर ज्वेलर्स में नाराजगी है. देश के 350 सर्राफा संघों ने हॉलमार्किंग के खिलाफ आज हड़ताल बुलाई है. ज्वैलर्स संगठनों का कहना है कि देश में अब तक जरूरत के मुताबिक हॉलमार्किंग सेंटर्स नहीं बनाए गए हैं, जिसकी वजह से यहां कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है, जिसकी वजह से उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण परिषद ने इसकी जानकारी दी थी. आज की स्ट्राइक में गुजरात के 15,000 से ज्यादा ज्वैलर्स भी शामिल हुए है.
परिषद के पूर्व चेयरमैन अशोक मीनावाला ने कहा था कि सरकार ने बिना पूरी तैयारी और प्रशिक्षण के ही 16 जून 2021 से देश के 28 राज्यों के 256 जिलों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य बना दिया. यह व्यवस्था सोने की शुद्धता मापने और ग्राहकों तक सही उत्पाद पहुंचाने के लिए शुरू हुई थी, लेकिन इसके कई प्रावधानों ने ज्वैलर्स की समस्या को बढ़ा दिया है. ज्वैलर्स को हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (एचयूआईडी) स्वीकार नहीं, क्योंकि इससे सोने की शुद्धता का कोई लेना-देना नहीं है. यह महज एक ट्रैकिंग सिस्टम बनकर रह गया है. इस प्रक्रिया के जरिए सोने या आभूषण की हॉलमार्किंग में काफी समय लग जाता है, जो ज्वैलर और पूरे उद्योग के लिए नुकसानदायक है.
गुजरात में हडताल
अहमदाबाद ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रमुख जिगर सोनी के मुताबिक, आज की स्ट्राइक में अहमदाबाद के करीब 6000 ज्वैलर्स शामिल हुए हैं. उन्होने अपनी दुकान और शोरूम बंद रखे हैं. अहमदाबाद के अलावा राज्य के दूसरे बडे शहरों जैसे राजकोट, सूरत में भी ज्वैलर्स हड़ताल पर हैं. सूत्रों के मुताबिक, राजकोट के करीब 4000 और सूरत सहित साउथ गुजरात के करीब 3500 ज्वैलर्स आज हॉलमार्किंग के खिलाफ स्ट्राइक पर हैं.
राजकोट के सोनी बाजार के एक व्यापारी अरविंदभाई सोनी ने कहा, “हम हॉलमार्क के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम HUDI नंबरिंग के नए नियम के खिलाफ हैं. इस प्रक्रिया में कम से कम 5 से 7 दिन का समय लगता है. अगर कोई ग्राहक बाहर से आता है तो उसे यह जेवर तत्काल नहीं दिए जा सकते. इसलिए हमारी मांग है कि इस जटिल प्रक्रिया के फैसले को सरकार जल्द से जल्द वापस ले.”
इंस्पेक्टर राज खत्म होगा: BIS
BIS का कहना है कि हॉलमार्किंग को बेहद कम समय में बड़ी सफलता मिली है. 1 करोड़ से भी ज्यादा ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हो चुकी है. 90,000 से ज्यादा ज्वैलर्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं. हर दिन करीब 4 लाख ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हो रही है. BIS का कहना है कि HUID आधारित हॉलमार्किंग से सभी को फायदा है. ये इंडस्ट्री में पारदर्शिता लेकर आता है साथ ही इंसपेक्टर राज को खत्म करता है.
हॉलमार्किंग से किसे है छूट
सरकार ने 40 लाख रुपये सालाना से कम कारोबार करने वाले ज्वेलरों को हॉलमार्किंग के अनिवार्य नियमों से छूट दे रखी है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के ज्वेलरों को राहत मिलेगी जिनके पास संसाधन की भी कमी है. इसके अलावा कुंदन, पोलकी और जड़ाउ ज्वेलरी और पेन को हॉलमार्किंग से छूट दी गई है.
क्या हैं मांगें?
HUID की प्रक्रिया हॉलमार्किंग केंद्रों पर होनी चाहिए, ज्वैलर्स के ऊपर नहीं.
40 लाख से कम टर्नओवर वाले आभूषण विक्रेताओं से लाइसेंस नहीं मांगा जाना चाहिए.
256 जिलों को छोड़कर अन्य जगहों पर हॉलमार्क आभूषण बेचने के लिए भी लाइसेंस मांग रहे.
अभी हॉलमार्किंग में पांच से 15 दिन लग रहे, इसे एक दिन के भीतर उपलब्ध कराया जाए.
केंद्रों पर गलत एचयूआईडी देने और प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ज्वैलर्स की जिम्मेदारी खत्म की जाए.