GST Council Meeting: अगले 3 महीने भी मिलेगी कोरोना की दवाओं पर GST शुल्क में छूट

कोरोना दवाओं पर लगने वाले GST शुल्क में छूट का प्रावधान वर्तमान में आगे भी जारी रहेगा. लखनऊ में चल रही GST काउंसिल की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है.

Federal indirect tax body, Goods and Services Tax, GST Council, 45th meeting, federal tax body, coronavirus outbreak, political differences, revenue collection, tax relief, covid-related medical supplies

जीएसटी काउंसिल ने आगामी 31 दिसंबर तक कोरोना दवाओं पर छूट रखने का लिया है फैसला.

जीएसटी काउंसिल ने आगामी 31 दिसंबर तक कोरोना दवाओं पर छूट रखने का लिया है फैसला.

डेढ़ साल गुजरने के बाद भी अब तक दुनिया में कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई दवा नहीं आई है लेकिन इस महामारी की चपेट में आने वाले मरीजों को अलग-अलग तरीके की दवाएं दी जा रही हैं. इन दवाओं पर लगने वाले GST शुल्क में सरकार छूट देती आई है लेकिन अब यह राहत आगे भी जारी रहेगी. लखनऊ में चल रही GST काउंसिल की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि कोरोना दवाओं पर लगने वाले जीएसटी शुल्क में छूट का प्रावधान वर्तमान दिशा निर्देशों के अनुसार जारी रहेगा. काउंसिल ने यह निर्देश आगामी 31 दिसंबर तक लागू रहने की घोषणा भी की है.

GST काउंसिल ने कोविड-19 उपचार में उपयोग की जाने वाली निर्दिष्ट दवाओं के लिए रियायत बढ़ाई हैं. जानकारों का कहना है कि काउंसिल ने GST शुल्क में छूट आगे बढ़ाने के अलावा अन्य दवाओं को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है. इसमें कई नई दवाओं को शामिल किया जाएगा, जिनका इस्तेमाल अभी कोरोना संक्रमण के इलाज में किया जा रहा है. इन दवाओं पर GST दरों को 12 से घटाकर पांच फीसदी तक किया जाएगा. इनमें इटोलिज़ुमैब, पॉसकोनाज़ोल, इन्फ्लिक्सिमाब, बमलानिविमैब और एटेसेविमैब, कासिरिविमैब और इम्देविमाब, फेविपिराविर और 2डीजी जैसी दवाएं शामिल हैं, जिन्हें हल्के से मोडरेट स्थिति के बीच संक्रमित मरीजों को दिया जा रहा है.

इससे पहले काउंसिल ने चार दवाओं पर GST शुल्क कम करने की घोषणा की थी जिसमें ब्लैक फंगस के लिए इस्तेमाल एम्फोटेरिसिन बी और गंभीर कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली टोसिलिजुमैब पर शुल्क पांच फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया था. इनके अलावा रेमेडिसविर पर यह शुल्क 12 से कम कर पांच फीसदी तय किया गया था. हालांकि बाद में ICMR ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल से रेमडेसिवीर दवा को हटा लिया. इनके अलावा एंटी-कोआगुलंट्स दवाएं जैसे हेपरिन पर भी जीएसटी शुल्क पांच फीसदी तय किया गया. ताकि मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सके.

Published - September 17, 2021, 04:14 IST