मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन (Nielsen) ने गुरुवार को बताया कि भारत के फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) बाजार में कीमतों के लिहाज से जून तिमाही में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले में यह बढ़ोतरी कम है. पहली तिमाही में विकास में क्रमिक रूप से दो फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगने की वजह से यह गिरावट आई है. पहले लॉक डाउन के मुकाबले दूसरे लॉक डाउन में ज्यादा नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा.
सेकेंड वेव के समय डिमांड में बढ़ोतरी
दूसरे लॉक डाउन के दौरान फर्मों ने साबुन, टूथपेस्ट और केचप की बिक्री अच्छी तादाद में की. आपूर्ति श्रृंखला (chains remained intact) बरकरार रही और स्टॉक स्टोर तक आसानी से पहुंच गए. पहले दौर के लॉकडाउन की तुलना में दूसरे लॉक डाउन में मांग की दर बढ़ गई क्योंकि उपभोक्ताओं के लिए पेंट्री-लोडिंग (pantry-loading) आसान हो गई.
जून तिमाही में सेक्टर द्वारा दर्ज की गई 36.9 फीसद की बढ़ोतरी (ई-कॉमर्स सहित) में से FMCG वॉल्यूम ने अकेले 18.2 फीसद की बढ़ोतरी की है. एक साल पहले की तिमाही में, FMCG क्षेत्र में यह बढ़ोतरी 17.9 फीसदी की थी. बड़े पैमाने पर अप्रैल और मई में लॉकडाउन की वजह से यह नुकसान हुआ है.
आंशिक लॉकडाउन से बाजार में सुधार
नीलसेनआईक्यू साउथ एशिया के हेड दीपांशु रे ने बताया कि कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के समय लॉकडाउन आंशिक रूप से लगाया गया था, जिससे उपभोक्ताओं तक पहुंचने में थोड़ी आसानी हुई. लेकिन इस रुक-रुक कर होने वाले लॉकडाउन की वजह से माल की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है. नीलसन के मुताबिक, दूसरी लहर के बाद अब बाजार में डिमांड तेजी से बढ़ रही है. फिलहाल नीलसन ने इस क्षेत्र के लिए पूरे साल के अनुमानों को साझा नहीं किया है.
FMCG सेक्टर में बेहतर सुधार
कई बड़ी पैकेज्ड गुड्स फर्मों में दूसरी लहर के बाद बढ़ोतरी देखने को मिली है. जून तिमाही में मैरिको लिमिटेड के घरेलू वॉल्यूम में 21 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है. डाबर इंडिया ने 30 जून तक समेकित राजस्व (consolidated revenue) में 32 फीसद तक की बढ़ोतरी दर्ज की है.
RBI द्वारा उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (Consumer Confidence Survey) की सोर्सिंग रिपोर्ट में बताया गया है कि उपभोक्ता विश्वास अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. हालांकि, अचानक दूसरी लहर के आने के बाद भी भारत में FMCG सेक्टर ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है.