वित्तीय संस्थानों की संग्रह क्षमता हुई 100 फीसदी, ये बनी वजह

Financial Institutes Collection: सितंबर तिमाही में लोन देने का परिचालन लगभग फिर से सामान्य स्तर पर आ गया है और लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई है.

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कोरोना महामारी की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के बाद व्यापार और परिचालन गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही हैं. 

कोरोना महामारी की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के बाद व्यापार और परिचालन गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही हैं. 

Financial Institutes Collection: इस साल सितंबर में वित्तीय संस्थानों की संग्रह क्षमता 100% के करीब पहुंच गई है. मई 2021 में यह 80 प्रतिशत दर्ज की गई थी. जिसमें कुछ सुधार हुआ है. आवास लोन संग्रह मजबूत रहा. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के हवाले से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान मासिक संग्रह क्षमता में काफी वृद्धि हुई है. यह कोविड-19 मामलों में गिरावट और लोन देने वाली कंपनियों के निरंतर संचालन के कारण हुआ है.

लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई, परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार 

आईसीआरए के वाइस प्रेसिडेंट व स्ट्रक्चर्ड फाइनेंस रेटिंग्स प्रमुख अभिषेक डफरिया की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि सितंबर तिमाही में लोन देने का परिचालन लगभग फिर से सामान्य स्तर पर आ गया है और लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई है.

मई 2021 में लोन देने का कार्य उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था जो की मई की तुलना में सितंबर में काफी कम हो गया था. एक और संकेत है कि परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है और अधिकांश उधारदाताओं ने अपने पोर्टफोलियो में कमी की सूचना दी है. निरंतर परिचालन से बेहतर संग्रह हो रहा है.

कोरोना की दूसरी लहर के बाद सामान्य हो रही है व्यापार गतिविधियां

कोरोना महामारी की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के बाद व्यापार और परिचालन गतिविधियां तेजी से सामान्य हो रही हैं.

इससे व्यापार मजबूत और बेहतर बना हुआ है. जानकारों का कहना है कि इस बार दीपावली पर भी अच्छा व्यापार हुआ जो उम्मीद से अधिक रहा. कुल मिलाकर कोरोना के कारण उपजी स्थितियों के बाद अब व्यवस्था पटरी पर लौटते हुए दिखाई दे रही है.

Published - November 11, 2021, 05:21 IST