विदेशी निवेशकों के पैसा निकालने के बाद भी भारतीय बाजार पर नहीं पड़ा कोई असर

भारत से जाने वाले पैसों की संभावना ने कोई भी हलचल पैदा नहीं की, क्‍योंक‍ि भारत के पास 640 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो ऐतिहासिक ऊंचाई पर है.

this is how nation's economic development will get gati and shakti

कोविड के बाद से भारतीय बाजारों में काफी परिवर्तन आया है.

कोविड के बाद से भारतीय बाजारों में काफी परिवर्तन आया है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बड़े पैमाने पर प्रत्याशित कदम उठाने और उसके सेंट्रल बैंक द्वारा लिक्विडिटी को मजबूत करने के उपायों की घोषणा के बावजूद भारतीय शेयर बाजार सितंबर के आखिर में बढ़ गया. IMF के एक अधिकारी ने हाल ही में कहा है कि यूएस फेड द्वारा टैपिंग से कुछ धन भारत से बाहर निकाला जा सकता है. हम सभी जानते हैं कि टेपरिंग का मतलब फेड द्वारा प्रोत्साहन को वापस लेना है जिसे कोविड के दौरान लागू किया गया था.

हालांकि एक स्तर पर यह अमेरिकी ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत देगा, लेकिन तुरंत नहीं. अमेरिकी फेड के सक्रिय रूप से टैपिंग पर विचार करने के सामने भारतीय शेयर बाजार का व्यवहार कुछ साल पहले भी अकल्पनीय रहा होगा, जब इसने हमारे इक्विटी बाजार को झटका दिया होगा.

कोविड के बाद से भारतीय बाजारों में काफी परिवर्तन आया है. शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है. फाइनेंशियल ईयर 2021 में 1.42 करोड़ से अधिक नए डीमैट अकाउंट खोले गए हैं, जो फाइनेंशियल ईयर 2020 में हासिल किए गए आंकड़े से तीन गुना है. इन फर्स्ट टाई इन्वेस्टर्स ने मार्केट में काफी पैसा लगाया है. हालांकि यही सब कुछ नहीं है निवेशकों का एक और वर्ग है, जो जटिल इक्विटी मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्ट करने से डरते हैं या उनके पास मार्केट की स्टडी करने और उसे रेगुलर ट्रैक करने का समय नहीं है. ऐसे लोगों ने म्यूचुअल फंड के जरिए बहुत सारा पैसा लगाया है. इन दो तरह के लोगों की बदौलत भारतीय इक्विटी बाजार बेहद मजबूत हो गया है. वास्तव में, विदेशी निवेशकों ने इस महीने भारतीय बाजार से लगभग 1,472 करोड़ रुपये निकाले हैं, लेकिन सूचकांकों ने अपनी तेजी जारी रखी है.  वहीं मजबूत उभरते बाजार के रूप में पहचान बनाने के साथ ही निकाला जा रहा पैसा बहुत कम होगा.

भारत से जाने वाले इन पैसों की किसी भी संभावना ने कोई भी हलचल पैदा नहीं की है. जिसका कारण है कि भारत के पास 640 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो अपनी एक ऐतिहासिक ऊंचाई पर है. निर्यात क्षेत्र का प्रदर्शन इस बीच काफी अच्छा रहा है. महामारी के दौरान, देश ने भी सफलतापूर्वक FDI को आकर्षित किया, जबकि कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई थी.

Published - October 19, 2021, 06:28 IST