केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आवागमन शुरू होने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का (टोल) रेवेन्यू देगा. इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे के 2023 में शुरू होने की उम्मीद है. गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को ‘सोने की खान’ बताया है. गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के वर्क प्रोग्रेस की जानने के लिए हाल की में एक लंबी यात्रा की है.
केंद्रीय मंत्री ने रविवार को कहा कि आने वाले पांच साल में NHAI की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी. अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली के अलावा चार राज्यों से होकर गुजरेगा. उन्होंने बताया कि देश का नेशनल हाईवे स्ट्रक्चर विश्वस्तरीय सफलता की कहानी है.
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एक बार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जनता के लिए खोले जाने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का टोल रेवेन्यू देगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसका निर्माण ‘भारतमाला परियोजना’ के पहले चरण के तहत किया जा रहा है.
आठ लेन का यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से होकर जाएगा. इससे राष्ट्रीय राजधानी से देश की वित्तीय राजधानी के बीच यात्रा का समय 24 घंटे(अभी लगने वाला समय) से घटकर आधा यानी 12 घंटे रह जाएगा. यह एक्सप्रेसवे छह राज्यों को जोड़ेगा
इन चिंताओं के बीच कि NHAI के ऊपर काफी ज्यादा कर्ज का बोझ है, गडकरी ने कहा कि नोडल एजेंसी को ‘ट्रिपल ए’ की रेटिंग मिली और उसकी सभी सड़क परियोजनाएं प्रोडक्टिव हैं. उन्होंने कहा कि NHAI कर्ज के जाल में नहीं है. यह एक सोने की खान है. अगले पांच साल में NHAI की टोल इनकम सालाना 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी. यह अभी 40,000 करोड़ रुपये है.