मुआवजे में देरी, भुगतान नहीं करने के बराबर है

बैंकों के डूबने पर ग्राहकों को पैसे दिए जाने का फैसला राहत लेकर आया है, यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि एक ही बैंक में अपने पैसे रखना कितना सही है?

cash circulation has increased since demonetisation, but digital transactions are on rise too

कैश का इस्तेमाल घटाने का प्रयास इस तरह सबसे फायदेमंद साबित होता है कि इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का एक बेहतर सिस्टम बनता है

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न्याय में देरी, अन्याय होती है. यह कहावत इंश्योरंस और उसमें शामिल होने वाले नुकसानों की भरपाई पर भी लागू होती है. केंद्र सरकार ने इस लिहाज से बड़ा फैसला लिया है. बैंकों (Bank) के डूबने पर अब 90 दिन के अंदर ग्राहकों को उनके पैसे लौटाए जाएंगे. भुगतान की राशि पहले ही एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जा चुकी है. 90 दिनों की समय सीमा तय होने से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी.

अब तक खाताधारकों को मुआवजे के लिए सालों इंतजार करना पड़ता था. जब तक संस्थान के पास फंड का रास्ता फिर से ना खुल जाए, या उसमें वित्तीय और ऑपरेशनल स्तर पर फेरबदल ना कर ली जाए, तब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाती थी. किसी बैंक के डूबने का मतलब होता था कि ग्राहकों के लिए मुश्किल घड़ी शुरू हो गई है. मेहनत से कमाए पैसों का यूं अटक जाना उनके लिए चिंता का बड़ा विषय बन जाता था.

इसे खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने समय सीमा का ऐलान बुधवार को किया है. अब वह डिपॉजिट इंश्योरंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (अमेंडमेंट) बिल 2021 को चालू मॉनसून सत्र में पेश कर सकती है. इसके लागू होने से ग्राहकों की परेशानियों को आसानी से दूर किया जा सकेगा.

हालांकि, केंद्र की इस पहल से एक सीख भी ली जा सकती है. बैंक डूबने पर ग्राहक को अधिकतम पांच लाख रुपये तक मिलते हैं. ऐसे में एक बैंक में इससे अधिक राशि जमा करने के बजाय अलग-अलग बैंकों में पैसे डालने की आदत डालनी चाहिए.

साथी ही, कम रिटर्न देने वाले बैंक FD या बचत खातों में ज्यादा पैसे डालने के बजाय पोर्टफोलियो में विविधता बढ़ानी चाहिए. सलाहकार हमेशा से कहते आए हैं कि अपने पैसे को इक्विटी, म्यूचुअल फंड और गोल्ड जैसे अच्छे रिटर्न देने वाले एसेट्स में डालें. केंद्र ने जो कदम उठाया है, उसके साथ हमें खुद भी अपने पैसों की सुरक्षा के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए. अभी देर नहीं हुई है.

Published - July 29, 2021, 06:45 IST