Cycle Ride: सेहत के प्रति बढ़ती सतर्कता और वर्कआउट के रुझान ने लोगों को एक बार फिर से साइकिल (Cycle Ride) की सीट पर बैठा दिया है. यही कारण है कि देश में टॉप-एंड साइकिलों की बिक्री कुछ महीनों में ही 300-400 फीसदी बढ़ गई है.
साइकिलिंग की ओर लोगों के इस बढ़ते रुझान ने महामारी के मंदी भरे दौर में साइकिल उद्योग को एक नई रफ्तार दी है.
साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने एक न्यूजपेपर को बताया कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से देश में साइकिलों की बिक्री में तेजी देखी गई और इसने भारतीय साइकिल उद्योग के पूरे दृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है.
इसकी एक वजह तो यह रही कि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर शहरों में जिम और पार्क बंद थे. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों ने भी किसी एक जगह जुटकर कसरत करने के बजाय साइकिलिंग को बढ़ावा दिया.
इस सबके चलते ही बीते कई महीनों में भारत में हाई-एंड साइकिल की बिक्री में 300 से 400 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.
एक औसत साइकिल की कीमत 3,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच होती है. इस लिहाज़ से साइकिल एक सस्ती सवारी है.
हालांकि हाई-एंड साइकिल की कीमत 30,000 रुपये से 50,000 रुपये या उससे भी अधिक लाखों रुपये तक हो सकती है.
इनके अलावा शहरों में साइकिल किराए पर भी मिलने लगी हैं. युलु, पेडल, फ्रीमो जैसी कंपनियां विभिन्न मेट्रो शहरों में लोगों को किराए पर साइकिल मुहैया करा रही हैं.
जैसे-जैसे साइकिल चलाने वालों की संख्या बढ़ रही है, सड़क पर साइकिल सवारों की सुरक्षा की चिंता भी गंभीर होती जा रही है.
भारत में आमतौर पर अभी साइकिल चालकों के लिए अलग से लेन नहीं बने हैं. केवल कुछ चुनिंदा शहरों में ही साइकिल लेन बनाए गए हैं. साइकिल चालकों को अलग लेन और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है, और सरकारें इस बारे में सोच भी रही हैं.
2020 में अपनी पहली पॉप-अप साइकिल लेन लॉन्च करने के बाद बेंगलुरु इस मामले में आगे है. यहां आउटर रिंग रोड पर फैली 17 किमी की लेन है, जिसे विशेष रूप से साइकिल चालकों के लिए बनाया गया है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार ने राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद सहित कई शहरों में साइकिल लेन बनवाई थीं.
उधर, कोलकाता भी इस पर विचार कर रहा है और डेडिकेटेड लेन बनाकर साइकिलिंग को बढ़ावा देने के बारे में गंभीरता से सोच रहा है.
यही हाल मुंबई का भी है. हालांकि शहर में अभी भी समर्पित साइकिलिंग लेन जैसे बुनियादी ढांचे का अभाव है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी प्रेस एन्क्लेव रोड के पास से शुरू होकर बारापुला एलिवेटेड रोड तक 6 किलोमीटर का एलिवेटेड साइकिल ट्रैक बनाने की घोषणा 2017 में हुई थी, जिसका काम अब तक पूरा नहीं हुआ है.