देश में कंप्यूटर और तकीनीकी क्षेत्र की ट्रेड बॉडी नैसकॉम और डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) के एक अध्ययन के अनुसार साल के अंत तक भारत के साइबर सुरक्षा तंत्र में लगभग 35 लाख पद खाली रह जाएंगे. ‘साइबर सिक्योरिटी सर्विसेज लैंडस्केप’ रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारतीय साइबर सुरक्षा सेवा उद्योग 2025 तक लगभग 21 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि बढ़ोतरी दर (CAGR) से बढ़कर 13.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 तक साइबर सिक्योरिटी उद्योग का कुल राजस्व (आय) 7.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह आंकड़ा 2019 में लगभग 4.3 अरब डॉलर के स्तर पर था. आय में इस बढ़ोतरी के बावजूद साइबर सुरक्षा क्षेत्र में लगभग 35 लाख पद 2021 के अंत तक खाली रहेंगे.
बढ़ रहे हैं ‘बर्नआउट’ के मामले
इन्फॉर्मेशन सिस्टम सिक्योरिटी एसोसिएशन (ISSA) और विश्लेषक फर्म एंटरप्राइज स्ट्रैटेजी ग्रुप (ESG) द्वारा किए गए वैश्विक अध्ययन में साइबर सुरक्षा पेशेवरों के बीच बर्नआउट, यानी पेशे से उकता जाने की समस्या बढ़ने की चेतावनी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र को निवेश की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो पेशे में कार्यरत लोगों पर काम का बोझ बढ़ाने और कार्य कुशलता घटाने का कारण बन रहा है.
काबिल लोगों की नियुक्ति बड़ी चुनौती
रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी भारी कमी होने के बावजूद खाली पदों पर नियुक्ति के लिए काबिल उम्मीदवारों को ढूंढ पाना कठिन चुनौती बना हुआ है. इसी तरह साल की शुरुआत में जॉब सर्च फर्म इंडीड द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में रिक्तियां (जॉब पोस्टिंग), डोमेन में नौकरी खोजने वाले लोगों की संख्या से अधिक हैं.