कोविड से बदल गए खपत के तौर-तरीके

कोविड ने हमारी खपत का तरीका और जीवन बदलकर रख दिया है. कई आइटम जिन्हें हम शायद ही तवज्जो देते थे, वे अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं.

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रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

ये बात जगजाहिर है कि कोविड महामारी ने हमारी जिंदगी और खपत के तौर-तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है. कई आइटम जिन्हें हम शायद ही तवज्जो देते थे, वे अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं. इस महामारी से पैदा हुई उथल-पुथल के बाद जिंदगी में ठहराव आने में अभी कुछ वक्त लगेगा. कुछ सेक्टरों को इससे फायदा हुआ है जबकि कुछ को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. थर्मामीटर, हेयर ट्रिमर्स, विटामिन C सप्लीमेंट्स और इम्युनिटी बूस्टिंग फूड की डिमांड में काफी इजाफा हुआ है. कोविड-19 ने निश्चित तौर पर हमारी खपत का तरीका और जीवन बदलकर रख दिया है.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस बदलाव की एक वजह मनमर्जी से किए जाने वाले खर्चों में लगी रोक भी है. परिवारों के बाहर घूमने-फिरने और खाने-पीने में खर्च में कमी से भी कई आइटमों की खपत में गिरावट आई है.

वर्क फ्रॉम होम आज एक आम बात बन गई है. इसके चलते बैटरी चार्जर्स और लैपटॉप जैसे आइटमों की डिमांड में भारी इजाफा हुआ है. इंटरनेट सर्विसेज और वाईफाई कनेक्टिविटी भी बढ़ी है ताकि वर्क फ्रॉम होम और घर पर ऑनलाइन पढ़ाई की जरूरतों को पूरा किया जा सके.

भीड़भाड़ से बचने और अकेले ट्रैवल करने ने साइकिलों की मांग में इजाफा किया है. हैंड सैनिटाइजर्स और मास्क हमारी रोजमर्रा की खरीदारी में शुमार हो गए हैं.

कोविड की तीसरी लहर का खतरा सिर पर मंडरा रहा है और ऐसे में इस ट्रेंड के अभी जारी रहने की उम्मीद है. स्पोर्ट्स गुड्स, डिजिटल कैमरा और हैंडबैग जैसे कुछ आइटमों की मांग में जल्द इजाफा होता नहीं दिख रहा है.

कोविड-19 महामारी ने निश्चित तौर पर हमारी जिंदगी और खपत के तरीकों को बदल दिया है. सही हो या बुरा, ये कुछ ऐसा है जिससे उबरने में हमें अभी कई साल लग सकते हैं. तब तक अपनी कार्ट को आज के दौर के इन्हीं जरूरी आइटमों से भरते रहिए.

Published - July 19, 2021, 06:37 IST